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Amrit Mahotsav: अमित शाह ने कहा- अपने इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी, दूरदर्शन दिखाएगा स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा

Amrit Mahotsav शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी दिलाने में जाने-अनजाने लाखों लोगों ने बलिदान दिया। हम उनका गौरवगान कर रहे हैं। स्वराज कार्यक्रम इसे आगे बढ़ाएगा।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 10:42 PM (IST)
Amrit Mahotsav: अमित शाह ने कहा- अपने इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी, दूरदर्शन दिखाएगा स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा
स्वराज भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा' सीरियल के शुभारंभ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: देश अमृत महोत्सव के रंग में है। अगले कुछ दिनों में आजादी के 75 साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपील की शताब्दी के वर्ष में अगर हम अपनी भाषाओं को ना बचा पाएं, इतिहास को आने वाली पीढ़ी तक ना पहुंचा पाएं और हजारों साल से चली आ रही संस्कृति को ना बचा पाएं तो स्वराज प्राप्त करने का मकसद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के इस भाव की अभिव्यक्ति केवल और केवल आकाशवाणी और दूरदर्शन ही कर सकते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में इस ओर बढ़े कदम का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि देश यहां से जो छलांग लगाने वाला है उसके बाद भारत को महान बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसी कड़ी में 'स्वराज' धारावाहिक के 75 एपीसोड बनाने और दिखाने के कार्य के लिए उन्होंने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के नेतृत्व को भी बधाई दी। दूरदर्शन की ओर से 'स्वराज: भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा' सीरियल के शुभारंभ व स्पेशल स्क्रीनिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शाह शामिल हुए थे।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी दिलाने में जाने-अनजाने लाखों लोगों ने बलिदान दिया। हम उनका गौरवगान कर रहे हैं। साथ ही अमृत महोत्सव से शताब्दी तक महान भारत कैसा होगा, उसकी रचना के संकल्प भी ले रहे हैं। स्वराज कार्यक्रम इसे आगे बढ़ाएगा। दूरदर्शन और आकाशवाणी ने कई कार्यक्रमों के माध्यम से समय-समय पर देश की भावनाओं को उद्वेलित कर उन्हें सही दिशा में ढालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत में स्वराज शब्द का अर्थ स्वशासन तक सीमित नहीं है। स्वराज में स्वभाषा, स्वधर्म, स्वसंस्कृति और अपनी कलाएं भी आती हैं और जब तक हम शाब्दिक दृष्टि से स्वराज की भावना में नहीं रंगते हैं, तब तक भारत सही अर्थों में स्वराज प्राप्त नहीं कर सकता है।

भारत पर शासन करने वालों ने हमारी सारी उत्कृष्ट व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था, वो हम पर शासन तभी कर सकते थे जब हमारे जनमानस में एक हीनभावना का निर्माण करें क्योंकि हर क्षेत्र में हम उनसे बहुत आगे थे। उन्होंने हमारी भाषाओं, संस्कृति, शासन करने की क्षमता के प्रति हीन भाव पैदा किया। 'स्वराज' धारावाहिक का उद्देश्य जनमानस के अन्दर हर हीन भाव को समूल उखाड़ फेंक गौरव का भाव लाना होना चाहिए, तभी हम स्वराज के उद्देश्यों को सिद्ध कर सकेंगे और यह आजादी के अमृत महोत्सव की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरूगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र, प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक कुमार अग्रवाल भी मौजूद थे।


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