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ओवैसी को मारने के लिए अमित जानी ने खरीदी थी तीन पिस्टल

नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी मुजफ्फरनगर उपचुनाव के दौरान आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को जान से मारने तीन पिस्टल खरीदी थीं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 19 Apr 2016 03:22 AM (IST)Updated: Tue, 19 Apr 2016 07:31 AM (IST)
ओवैसी को मारने के लिए अमित जानी ने खरीदी थी तीन पिस्टल

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद को मारने के लिए जेएनयू में भेजी गई पिस्टल को खरीदने के पीछे नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी का मकसद कुछ और था। पुलिस सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आया है कि अमित ने मुजफ्फरनगर उपचुनाव के दौरान आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को जान से मारने की साजिश रची थी। इसके लिए उसने 9एमएम की दो पिस्टल और 32 बोर की एक पिस्टल मुजफ्फरनगर से सितंबर 2015 में खरीदी थी।

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मुजफ्फरनगर उपचुनाव में ओवैसी अपने प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करने के लिए जाने वाले थे। लेकिन उनके प्रत्याशी ने चुनाव पूर्व अपना नाम वापस ले लिया था जिसके कारण ओवैसी का मुजफ्फरनगर जाने का दौरा रद हो गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्हीं पिस्टल को उसने जेएनयू में कन्हैया कुमार और उमर खालिद को मारने के लिए भेजा था। उसने जेएनयू के कुछ छात्रों से संपर्क किया और उन्हें पहले 9एमएम की दो पिस्टल भेजी और फिर 14 अप्रैल को एक और पिस्टल भेजने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने सूचना मिलने पर बरामद कर लिया।

पढ़ेंः कन्हैया-उमर की जान लेने पर अामादा शख्स के नाम का खुलासा !

बता दें कि अमित जानी ने बीते गुरुवार को जेएनयू के एक छात्र के लिए पिस्टल, चार कारतूस और एक पत्र डीटीसी बस रूट संख्या-615 से भेजा था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया था। मामले में अमित जानी का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसके भाई सौरभ अग्रवाल और उसके दोस्त सुलभ भारद्वाज को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था।

जानी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की

पुलिस सूत्रों की मानें तो भाई सौरभ अग्रवाल के गिरफ्तार होने के बाद अमित जानी दिल्ली से फरार हो गया है। दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल और आइबी की टीमें उसकी तलाश में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में छापेमारी कर रही हैं। लेकिन अब तक उसका सुराग नहीं लग सका है। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।

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