तीसरी लहर की आशंका के बीच कुदरत ने बिछाई इम्युनिटी की हरी चादर, पोषक तत्वों से भरपूर चरोटा भाजी
रोटा भाजी का सेवन लाभदायक होता है। इसमें पोषक तत्वों की भरमार है। इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर को जिन पोषक तत्वों की कमी होती है उसकी भरपाई भी भाजी करती है। अनेक बीमारियों का इलाज करने में भी सक्षम है।
राधाकिशन शर्मा. बिलासपुर। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच एक बार फिर डाक्टर इम्युनिटी बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। इसमें मददगार चरोटा भाजी प्रकृति की गोद में लहलहाने लगी है। चरोटा भाजी पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें रेशा 15.26 प्रतिशत, लिपिड 6.3 प्रतिशत, प्रोटीन 5.57 प्रतिशत, आयरन 565 पीपीएम, कार्बोहाइड्रेट 64.83 प्रतिशत होता है।
छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में लहलहाने लगी चरोटा भाजी
छत्तीसगढ़ सहित देश के कई राज्यों में चरोटा भाजी पाई जाती है। चरोटा की पत्तियां मेथी जैसी होती है और इसमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व पाया जाता है। बारिश के दिनों में चरोटा प्राकृतिक रूप से खाली जमीन के अलावा खेत के मेड़ पर उगता है। इसका बीज पककर जमीन में गिर जाता है। बारिश के दिनों में यह अंकुरित होकर प्राकृतिक रूप से उग जाता है।
चरोटा भाजी का सेवन लाभदायक, पोषक तत्वों की भरमार: जिला आयुर्वेद अधिकारी
बिलासपुर के जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. प्रदीप शर्मा के अनुसार आयुर्वेद में आमतौर पर बारिश के दिनों में भाजी के सेवन की मनाही है। वहीं चरोटा भाजी का सेवन लाभदायक होता है। इसमें पोषक तत्वों की भरमार है। इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर को जिन पोषक तत्वों की कमी होती है, उसकी भरपाई भी भाजी करती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण अनेक बीमारियों का इलाज करने में भी सक्षम है।
चरोटी की भाजी और बीजों का अनेक रोगों में उपयोग
चरोटी की भाजी और बीजों का उपयोग अनेक रोगों में भी किया जाता है। दाद, खाज, खुजली, कुष्ठ रोग व पेट के दर्द में इसका उपयोग लाभकारी होता है। बीज का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनियां भी करती है। एंटी फंगल क्रीम में इसका उपयोग होता है।