चीन से तनाव के बीच दो नामी वकीलों ने टिकटॉक का मुकदमा लड़ने से किया इंकार
पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और वकील एडवोकेट अभिषेक मनु सिंह ने टिकटॉक केस लड़ने से इंकार किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चीन से जारी सीमा तनाव के बीच देश के दो नामी वकीलों ने कोर्ट में टिक टॉक ऐप का मुकदमा लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केस लड़ने से इकार किया है। ज्ञात रहे कि केंद्र सरकार ने टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को 29 जून को प्रतिबंध लगा दिया था। दोनों वकीलों ने कहा है कि वे केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में टिक टॉक का मुकदमा नहीं लड़ेंगे।
तनावपूर्ण माहौल में मुकदमा लड़ना सही नहीं होगा
पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने ने बुधवार को कहा कि मौजूदा तनावपूर्ण माहौल में केंद्र सरकार के खिलाफ किसी चीनी कंपनी की कोर्ट में वकालत करना सही नहीं होगा। देश के प्रमुख वकीलों में शुमार रोहतगी एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल में 19 जून, 2014 से 18 जून, 2017 तक देश के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं।
I will not be appearing for TikTok. I had appeared for them in a case one year ago and won in Supreme Court. I don’t intend to appear in this one: Senior lawyer and Congress leader Abhishek Manu Singhvi
(file pic) pic.twitter.com/582XzN7m5d— ANI (@ANI) July 1, 2020
टिकटॉक की पहले कर चुके हैं पैरवी
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी टिक टॉक की पैरवी से इंकार किया है। वह कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में इस कंपनी की पैरवी कर चुके हैं। उस दौरान उन्हें जीत हासिल हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट को मामले की सुनवाई करने को कहा था। हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने पिछले साल 24 अप्रैल को टिकटॉक पर से लगा प्रतिबंध हटा लिया था। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं टिकटॉक के लिए कोर्ट में पैरवी नहीं करुंगा। मैं एक साल पहले एक मामले में उनके लिए पेश हुआ था और सुप्रीम कोर्ट में जीता था। मैं मामले में शामिल होने का इरादा नहीं रखता हूं।
इन ऐप्स के खिलाफ केंद्र ने दी यह दलील
केंद्र सरकार ने 59 चीनी ऐप्स के खिलाफ यह फैसला गलवन घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के बलिदान के बाद लिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि ये एप्स देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक हैं। इन चाइनीज एप्स के सर्वर भारत से बाहर मौजूद हैं। इनके जरिये यूजर्स का डाटा चुराया जा रहा था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि केंद्र सरकार ने देश की सलामती, सुरक्षा, रक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है।