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India China Border Tension: अमेरिकी सिग सॉअर राइफल से लैस होंगे चीन सीमा पर तैनात सैनिक

चीन के हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय जवानों को अत्याधुनिक अमेरिकी सिग सॉअर असाल्ट राइफलों से लैस किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में अमेरिका से 72500 सिग सॉअर असाल्ट राइफलें खरीदने के सौदे को मंजूरी दी गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 06:15 AM (IST)
India China Border Tension: अमेरिकी सिग सॉअर राइफल से लैस होंगे चीन सीमा पर तैनात सैनिक
अमेरिकी सिग सॉअर राइफल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय जवानों को अत्याधुनिक अमेरिकी सिग सॉअर असाल्ट राइफलों से लैस किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में अमेरिका से 72,500 सिग सॉअर असाल्ट राइफलें खरीदने के सौदे को मंजूरी दी गई। सेना के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत यह खरीद की जा रही है। 

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जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों के लिए खरीदी जा चुकी हैं इतनी ही राइफलें

इससे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में तैनात जवानों के लिए अमेरिका से 72,500 सिग सॉअर असाल्ट राइफलें खरीदी गई थीं। अब दूसरी खेप में मिलने वाली ये राइफलें पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में चीन से लगती अग्रिम सीमा पर तैनात जवानों को दी जाएंगी। सरकारी के सूत्रों ने बताया कि सरकार का लक्ष्य अग्रिम मोर्च पर दुश्मन के सामने तैनात जवानों को सबसे बेहतर सैन्य साजो सामान उपलब्ध कराना है। 

सरकार ने 72,500 राइफलें खरीदने के सौदे को दी मंजूरी

अभी इन जवानों के पास देशी आयुध कारखानों में निर्मित इंसास राइफलें हैं। सरकार ने एलएसी और पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात जवानों को अत्याधुनिक विदेशी राइफलें उपलब्ध कराने के लिए करीब डेढ़ लाख राइफलें आयात करने का फैसला किया था। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में तैनात जवानों को एके-203 राइफलें दी जाएंगी। इन राइफलों का निर्माण अमेठी स्थित आयुध फैक्ट्री में भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। 


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