बिना बीमा वाले वाहन दुर्घटना में नीलाम होंगे, सुप्रीम कोर्ट का आदेश 12 सप्ताह में बदलें नियम
दुर्घटना में शामिल वाहन की नीलामी से प्राप्त धनराशि मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) के पास जमा करानी होगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मोटर वेहिकिल एक्ट में बदलाव कर सड़क दुर्घटना के मामले में अबीमित वाहन की नीलामी कराकर प्राप्त धनराशि को मुआवजा राशि में शामिल करने का आदेश दिया है। यह व्यवस्था सभी तरह की दुर्घटनाओं के मामलों में लागू होगी। दुर्घटना में शामिल वाहन की नीलामी से प्राप्त धनराशि मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) के पास जमा करानी होगी। इसी ट्रिब्यूनल के जरिये पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा मिलता है।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्यों को अपने नियमों में 12 हफ्ते के भीतर बदलाव करने का निर्देश दिया। इस समय यह नियम केवल दिल्ली में लागू है। पीठ ने यह आदेश सड़क दुर्घटना के शिकार हुए पीड़ित व्यक्ति की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। मोटर वेहिकिल एक्ट के तहत तीसरे पक्ष का भी बीमा अनिवार्य है, लेकिन याचिकाकर्ता के पति की जिस वाहन से दुर्घटना हुई उसका बीमा ही नहीं था।
इसके कारण पीड़ित की पत्नी को मुआवजा मिलने में रुकावट आ रही है। मामले में याचिकाकर्ता ऊषा देवी की ओर से पेश अधिवक्ता राधिका गौतम ने कहा कि इस तरह के मामलों में शिकार हुए परिवारों को मुआवजे के लिए बरसों भटकना पड़ता है। ऊषा के पति की जनवरी 2015 में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। वह तभी से मुआवजे के लिए सरकारी महकमों में भटक रही है। लेकिन दुर्घटना करने वाले वाहन के बीमित न होने से उसे मुआवजा मिलने में दिक्कत हो रही है।