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ऑस्टि्रया में भारत की राजदूत को सरकार ने बुलाया वापस, अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग का है आरोप

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि अधिकारी ने वैट रिफंड का दावा किया था और सरकार की तरफ से दी गई विभिन्न अनुमतियों के संबंध में गलत तथ्यों को प्रस्तुत कर रही थीं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 11:59 PM (IST)
ऑस्टि्रया में भारत की राजदूत को सरकार ने बुलाया वापस, अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग का है आरोप
ऑस्टि्रया में भारत की राजदूत को सरकार ने बुलाया वापस, अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग का है आरोप

नई दिल्ली, आइएएनएस। ऑस्टि्रया में 15 लाख रुपये प्रतिमाह की दर से किराये पर घर लेने वाली भारत की राजदूत रेनू पाल को विदेश मंत्रालय ने वापस बुला लिया है। उन पर वित्तीय अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।

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1988 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी पाल ऑस्टि्रया में अगले ही महीने अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही थीं। विदेश मंत्रालय व केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की तरफ से की गई जांच में पाया गया कि उन्होंने बिना मंत्रालय की अनुमति के सरकारी आवास के मद में करोड़ों रुपये खर्च किए।

गलत तथ्यों को कर रही थीं प्रस्तुत 

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि अधिकारी ने वैट रिफंड का दावा किया था और सरकार की तरफ से दी गई विभिन्न अनुमतियों के संबंध में गलत तथ्यों को प्रस्तुत कर रही थीं। मंत्रालय के सीवीसी के नेतृत्व में सितंबर में अधिकारियों ने वियना जाकर मामले की जांच की थी।

टीम ने अधिकारी को पहली नजर में वित्तीय अनियमितता, सरकारी धन के दुरुपयोग और नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। मंत्रालय ने पाल को नौ दिसंबर को मुख्यालय स्थानांतरित करते हुए उनके प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी थी। वह वियना से रविवार को वापस हुईं।


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