श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने शुरू की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा, भक्तों को मिलेगी सुविधा
शुरुआत में रोजाना केवल 500 श्रद्धालु ही ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे और इसके लिए प्रति श्रद्धालु 200 शुल्क व स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
श्रीनगर [राज्य ब्यूरो]। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने बुधवार को श्रद्धालुओं के लिए पायलट आधार पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू की है। शुरुआत में रोजाना केवल 500 श्रद्धालु ही ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे और इसके लिए प्रति श्रद्धालु 200 शुल्क व स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा। श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में बोर्ड के सीईओ उमंग नरूला, बोर्ड के अतिरिक्त सीईओ अनूप कुमार सोनी की मौजूदगी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सेवा का शुभारंभ किया।
एक जुलाई से शुरू हो रही यात्रा के लिए शुरू में रोजाना केवल 500 श्रद्धालु ही ऑनलाइन पंजीकरण रोजाना करा सकेंगे। बालटाल मार्ग और पहलगाम मार्ग से रोजाना 250-250 श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण होगा। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए प्रति श्रद्धालु 200 रुपये के शुल्क के साथ संबंधित राज्य व केंद्र शासित राज्य द्वारा स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नामित डॉक्टर अथवा अस्पताल द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को भी अपलोड करना होगा।
यात्रा परिमट प्रपत्र पर क्यूआर और बार कोडिंग होगी
श्राइन बोर्ड ने एक नयी पहल के तहत यात्रा परिमट प्रपत्र पर क्यूआर और बार कोडिंग शुरू की है। क्यूआर कोड को यात्रियों के डाटा बेस में उनके मोबाइल नंबर के साथ जोड़ा जाएगा। यात्रा प्रमाणपत्र के क्यूआर कोड को दोमेल व चंदनबाड़ी स्थित एक्सेस कंट्रोल गेट व अन्य शिविरों में स्कैन किया जाएगा। इससे रियल टाइम आधारित यात्रियों की गणना और निगरानी हो सकेगी।
घाटी के लोगों को शिवभक्तों का इंतजार
बाबा अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कश्मीर के स्थानीय लोगों की भूमिका अहम होती है। पहलगाम, बालटाल से यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले आधार शिविरों में टेंट और दुकानें लगाकर स्थानीय लोग रोजगार कमाते हैं। उन्हें बेसब्री के साथ यात्रा का इंतजार रहता है। काफी संख्या में लोगों ने टेंट व दुकानें लगाने के लिए आवेदन किया है। अब जिला प्रशासन लाटरी के जरिए टेंट और दुकानें आवंटित करेगा। बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। यात्रा 46 दिन की होगी और रक्षाबंधन वाले दिन 15 अगस्त को संपन्न होगी। टेंट व दुकानें अलाट करने की प्रक्रिया जून के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगी।
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