इस खबर को पढ़ने के बाद काजू, पिस्ता, मूंगफली और आलू के चिप्स से कर लेंगे तौबा!
शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहों को उच्च नमक वाला आहार दिया गया। इसके चलते मस्तिष्क के कार्टेक्स और हिप्पोकैंपस हिस्सों में रक्त प्रवाह में क्रमश: 28 और 25 फीसद की कमी पाई गई।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। क्या आपको कुरकुरे, भुने हुए काजू, पिस्ता, मूंगफली और आलू के चिप्स खाना पसंद है? अगर ऐसा है तो सचेत हो जाएं क्योंकि इनमें नमक की उच्च मात्रा होती है। शोधकर्ताओं ने चेताया है कि इस तरह के आहार से न सिर्फ हृदय बल्कि मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंच सकता है।
इसके चलते डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहों को उच्च नमक वाला आहार दिया गया। इसके चलते मस्तिष्क के कार्टेक्स और हिप्पोकैंपस हिस्सों में रक्त प्रवाह में क्रमश: 28 और 25 फीसद की कमी पाई गई।
मस्तिष्क के इन हिस्सों का संबंध सीखने और स्मृति से है। न्यूयॉर्क के वेल कार्नेल मेडिसिन के प्रोफेसर कोस्टेंटिनो आइडेकोला ने कहा, ‘हमने पाया कि बगैर ब्लड प्रेशर बढ़े भी उच्च नमक वाले आहार से डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है।’
डिमेंशिया की बड़ी वजह है मस्तिष्क में बनने वाला यह पदार्थ
डिमेंशिया की वजह का पता लगा लिया गया है। नए शोध का दावा है कि तंत्रिका तंत्र संबंधी यह बीमारी मस्तिष्क में बनने वाले यूरिया के विषैले स्तर पर पहुंचने के कारण हो सकती है। डिमेंशिया में स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। शरीर में यूरिया प्रोटीन के टूटने से बनती है। ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ग्रेथ कूपर ने कहा कि इस शोध से डिमेंशिया के नए उपचार की राह खुल सकती है।
यह शोध प्रो. कूपर के उन अध्ययनों के बाद किया गया है, जिसमें तंत्रिका तंत्र संबंधी दूसरे रोगों के अलावा टाइप-2 डायबिटीज के मेटाबोलिक जुड़ाव की पहचान की गई थी। नए शोध में इन रोगों का मस्तिष्क में यूरिया के स्तर और मेटाबोलिक प्रक्रिया से सीधे ताल्लुक का पता चला है। उम्र संबंधी डिमेंशिया के सात प्रकार होते हैं। इनमें एक हंटिंगटन भी है।
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