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कामनवेल्थ से सहमी सरकार पहले ही चाहती है आडिटर

कामनवेल्थ घोटाले का डर सरकार पर अभी भी हावी है। हाल यह है कि दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारी को अंतिम रूप देने से पहले सरकार ने कैग (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) का दरवाजा खटखटा दिया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2015 01:51 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2015 02:01 AM (IST)
कामनवेल्थ से सहमी सरकार पहले ही चाहती है आडिटर

आशुतोष झा, नई दिल्ली। कामनवेल्थ घोटाले का डर सरकार पर अभी भी हावी है। हाल यह है कि दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारी को अंतिम रूप देने से पहले सरकार ने कैग (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) का दरवाजा खटखटा दिया है। खेल मंत्रालय ने कैग को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि तीन महीने बाद गुवाहाटी में होने वाले एशियाई खेल के लिए निदेशक स्तर का एक आडिटर तैनात कर दें जो गेम्स की फाइनेंस कमेटी पर नजर रखे और सुझाव दे। सामान्यतया कैग आयोजनों के बाद आडिट करता है। सरकार उसे शुरूआत में ही खेल आयोजन से जोड़कर यह दुरुस्त कर लेना चाहती है कि कामनवेल्थ का भूत वापस न आए।

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गौरतलब है कि पांच साल पहले दिल्ली में हुए कामनवेल्थ के घोटाले ने तत्कालीन सरकार की फजीहत कर दी थी। दाग इतना बड़ा था कि उसका असर दिल्ली के तत्कालीन हुक्मरान से लेकर केंद्र सरकार के शीर्ष स्तर तक पड़ने लगा था। खुद भाजपा ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाया था। अब जबकि भारत 12वें दक्षिण एशियाई खेलों का आयोजन करने जा रहा है तो सभी तारों को पहले से कसा जाने लगा है। सूत्रों के अनुसार खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कैग को पत्र लिखकर पहले ही आडिटर तैनात करने को कहा है। बताते हैं कि सरकार में शीर्ष स्तर से सोनोवाल को कहा गया था कि भ्रष्टाचार से निपटने का सारा इंतजाम करें। बताते हैं कि मंत्री के खत में भी कामनवेल्थ घोटाले का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि खेल होने के बाद पोस्टमार्टम से अच्छा है कि पहले ही सारे एहतियात बरते जाएं। कैग को 18 सदस्यीय आयोजन समिति की जानकारी भी भेज दी गई है जिसके अध्यक्ष खुद केंद्रीय खेल मंत्री हैं। समिति में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत असम और मेघालय के खेल मंत्री भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि इस खेल के आयोजन में लगभग 75 करोड़ के खर्च का आकलन किया गया है। इसका आयोजन पहले बंग्लादेश में किया जाना था लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने असमर्थता जता दी। तब भारत ने इच्छा जताई थी। वर्तमान योजना के अनुसार खेल का आयोजन संयुक्त रूप से असम और मेघालय में किया जाना है।

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