PM Poshan Scheme: पढ़ाई के साथ बच्चों की सेहत का भी ख्याल, प्रत्येक बच्चे का तैयार होगा हेल्थ कार्ड
पीएम पोषण के तहत स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मुहैया कराने के साथ अब उनके स्वास्थ्य पर भी रखी जाएगी पूरी निगाह राज्यों की बुलाई बैठक- स्वास्थ्य महकमे के साथ मिलकर स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे का तैयार होगा हेल्थ कार्ड।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पोषणयुक्त भोजन मुहैया कराने के साथ ही अब उनके स्वास्थ्य को भी हर महीने जांचा जाएगा। साथ ही इसका पूरा लेखा-जोखा भी स्कूल के स्तर पर रखा जाएगा। इस पहल से प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य का पूरा डाटा बैंक जहां स्कूल के पास होगा, वहीं इसकी मदद से देशभर के ऐसे जिलों और ब्लाक की भी पहचान हो सकेगी, जहां पोषण का स्तर खराब है। इसके आधार पर संबंधित जिला और ब्लाक में पोषण को लेकर विशेष अभियान चलाने में मदद मिलेगी। फिलहाल पीएम पोषण स्कीम के तहत राज्यों के साथ मिलकर इस दिशा में तेज पहल शुरू की गई है।
पीएम पोषण को लेकर मंत्रालय की राज्यों के साथ बैठक
शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों की अलग-अलग बैठक भी बुलाई है। जिसमें पीएम पोषण के साथ स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के हेल्थ कार्ड को लेकर कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। मंत्रालय ने इस अभियान में सभी राज्यों से स्वास्थ्य महकमे को जोड़ने का सुझाव दिया है। पीएम पोषण को लेकर मंत्रालय की राज्यों के साथ बैठक इस महीने से शुरू हो रही है, जो अप्रैल के पहले हफ्ते तक चलेगी। इस पहल को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें प्रत्येक स्कूली बच्चे का हेल्थ कार्ड तैयार करने की सिफारिश है।
मंत्रालय ने इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता को और बेहतर करने के लिए राज्यों से सुझाव मांगे है। साथ ही रसोइयों (कुक) को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए है। यह प्रशिक्षण पर्यटन मंत्रालय की ओर से संचालित होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के अधीन भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ( एफएसएसएआई) के जरिए दिया जाएगा।
मंत्रालय का मानना है कि रसोइयों को प्रशिक्षित किए जाने से खाने की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ ही सभी राज्यों से जिला स्तर पर उपलब्ध दालों और मोटे अनाज को ही बच्चों के भोजन में शामिल करने का सुझाव दिया है। गौरतलब है कि पीएम पोषण के तहत स्कूलों में बालवाटिका से आठवीं तक पढ़ने वाले करीब बारह करोड़ बच्चों को भोजन मुहैया कराया जाता है। जो बच्चों के पोषण का मजबूती देने का दुनिया की सबसे बड़ी स्कीम है।
विश्वविद्यालय के छात्र और डाइट संस्थान रखेंगे निगाह
स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की परख के लिए चलाए जा रहे सोशल आडिट अभियान में अब विश्वविद्यालय के छात्रों और जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान ( डाइट) में प्रशिक्षण लेने वाले शिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा।
इसके तहत उन्हें विशेष प्रोजेक्ट के तहत जिले के अलग-अलग ब्लॉकों का अध्ययन कराया जा सकता है। साथ ही इसका रिपोर्ट राज्य सरकार और शिक्षा मंत्रालय को देनी होगी। अभी तक इस पहल के तहत स्कूलों के आसपास रहने वाले प्रबुद्ध लोगों की एक विशेष टीम बनायी गई है।
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