राम मंदिर के शिलान्यास के साथ ही अयोध्या का सौंदर्यीकरण करने के लिए सरकार ने कसी कमर
अयोध्या के सौंदर्यीकरण के अलावा एनएचएआइ ने चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के विकास का काम हाथ में लिया है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। राम मंदिर के शिलान्यास की तैयारियों के साथ ही एनएचएआइ भी अयोध्या की कनेक्टिविटी और सौंदर्यीकरण की तैयारियों में जुट गया है। भविष्य में देशी-विदेशी पर्यटकों के बड़ी संख्या में आने की संभावना के मद्देनजर अयोध्या और उसके आसपास के इलाके में बड़े पैमाने पर अत्याधुनिक आधारभूत संरचना की जरूरत को देखते हुए एनएचएआइ कई परियोजनाओं पर काम शुरू कर चुका है। इनमें अयोध्या बाइपास के सौंदर्यीकरण और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास शामिल है।
40 करोड़ के बाइपास को 15 करोड़ से बनाया जाएगा सुंदर
सड़क, राजमार्ग व परिवहन मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एनएचएआइ ने अयोध्या में केवल सौंदर्यीकरण की 55 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं को लागू करने जा रही है। इसके तहत 40 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में बाइपास बनाया जा रहा है, जिसका 30 फीसद सिविल वर्क पूरा भी चुका है। 15 करोड़ रुपए की लागत से इस बाइपास का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बाइपास की सुंदरता बढ़ाने के लिए इसके बीच में आकर्षक पेड़-पौधे लगाने की तैयारी है।
बाइपास के किनारे श्रीराम के जीवन पर आधारित कलाकृतियां और पेंटिंग भी लगेंगी
एनएचएआइ के अनुसार सड़क के बीच में डिवाइडर का पत्थर लगने के तत्काल बाद पेड़-पौधे लगाने व सौंदर्यीकरण के अन्य काम शुरू कर दिये जाएंगे। बाइपास के किनारे श्रीराम के जीवन पर आधारित कलाकृतियां और पेंटिंग भी बड़े पैमाने पर लगाया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या के चारो ओर रिंग रोड का डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
3000 करोड़ की लागत से चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाएगा
अयोध्या के सौंदर्यीकरण के अलावा एनएचएआइ ने चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के विकास का काम हाथ में लिया है। पूरा परिक्रमा मार्ग पांच जिलों बस्ती, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बाराबंकी और गोंडा में फैला हुआ है। 275 किलोमीटर लंबा परिक्रमा मार्ग एनएच-27 के पास छावनी से शुरू कर गोसाईगंज, अधोयौना चौराहा, अमरगंज, रुदाली, भोरीगंज, राजापुर और नवाबगंज होते हुए फिर छावनी तक पहुंचता है। कुल 3000 करोड़ रुपये की लागत से पूरे परिक्रमा मार्ग का विकास और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
चौरासी कोसी परिक्रमा का डीपीआर तैयार
2017 में ही चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) घोषित कर दिया गया था। जाहिर इसके बाद एनएचएआइ के लिए इसके विकास का रास्ता साफ हो गया। जिंदल कंसोर्टियम नाम की कंपनी इसका डेवलपमेंट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का तैयार कर चुकी है और इसके नक्शे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
चौरासी कोसी परिक्रमा की 275 किलोमीटर को डबल लेन की सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा
एनएचएआइ के अनुसार 275 किलोमीटर लंबे मार्ग में केवल 253 किलोमीटर में सड़क बनी हुई है, उनमें भी केवल 71 किलोमीटर ही डबल लेन है, बाकि 182 किलोमीटर सिंगल लेन सड़क है। अब पूरे 275 किलोमीटर को डबल लेन की सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा। परिक्रमा मार्ग में आने वाले सरयू नदी पर जो जगहों पर पुल का निर्माण भी किया जाएगा, जिनमें हर पुल की लंबाई एक किलोमीटर की है। एनएचएआइ के अनुसार डीपीआर को हरी झंडी मिलते ही इसके निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा और जल्द-से-जल्द इसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
चित्रकूट को भी नेशनल हाइवे से जोड़ने पर काम शुरू
साथ ही अयोध्या से चित्रकूट को नेशनल हाइवे से जोड़ने पर काम शुरू हो गया है। इसके लिए प्रतापगढ़ में एनएच-31 से लेकर जेठवारा-श्रंगवेरपुर-मंझनपुर-राजापुर से होते हुए चित्रकूट के निकट एनएच-35 तक 165 किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है। इस सड़क को हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। वहीं अयोध्या से जनकपुर तक रामजानकी मार्ग के विकास का काम भी तेजी से चल रहा है और अलग-अलग खंडों पर काम विभिन्न स्टेज पर है।