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समाचार पत्र 'द डॉन' का सुझाव, बगैर वीजा भारत-पाक में हो आना-जाना

भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ थोड़े दिनों पहले पिघलना शुरू हुई है और दोनों देश वार्ता के लिए राजी हो गए हैं। इस बीच पाकिस्तान के एक अग्रणी अखबार ने दोनों देशों के बीच यात्रा के लिए वीजा खत्म करने का सुझाव दिया है। पाकिस्तान के समाचार पत्र

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2015 10:04 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2015 01:54 PM (IST)
समाचार पत्र 'द डॉन' का सुझाव, बगैर वीजा भारत-पाक में हो आना-जाना

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ थोड़े दिनों पहले पिघलना शुरू हुई है और दोनों देश वार्ता के लिए राजी हो गए हैं। इस बीच पाकिस्तान के एक अग्रणी अखबार ने दोनों देशों के बीच यात्रा के लिए वीजा खत्म करने का सुझाव दिया है। पाकिस्तान के समाचार पत्र 'द डॉन' ने सोमवार को 'टेलीकॉम एग्रीमेंट' टाइटल से एक संपादकीय प्रकाशित किया। इसमें कहा गया है कि यदि भारत व पाकिस्तान के बीच हवाई यात्रा करने वाले नागरिकों को यदि बगैर वीजा के यात्रा करने की इजाजत दी जाती है तो यह एक नायाब कदम होगा।

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अखबार के संपादकीय में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच दूरसंचार व इंटरनेट संचालकों को इसकी इजाजत देने के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच हुआ समझौता एक सकारात्मक कदम है और इसका दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए। आगे लिखा गया है, 'शुरू में तो इस पहला का प्रभाव सीमित होगा क्योंकि निजी संचालक दोनों देशों के बीच संबंध विकसित करना शुरू कर चुके हैं। लेकिन, चीन को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों के बीच आम नागरिकों की कम आवाजाही के कारण विकास की दर धीमी रहेगी।'

अखबार आगे लिखता है, 'उदाहरण के लिए पाकिस्तानी दूरसंचार उपयोगकर्ताओं को भारत या ईरान में रोमिंग सेवाएं प्रदान करने की इजाजत दी जा सकती है, लेकिन चूंकि इस सेवा का उपयोग बेहद सीमित संख्या में लोग करेंगे, खासकर ऐसे लोग जो दोनों देशों के बीच यात्राएं करते हैं तो इसमें विकास की दर काफी धीमी रहेगी।'

'आने वाले दिनों में यदि भारत और पाकिस्तान के नागरिकों को यदि दोनों देशों के बीच वीजा के बगैर हवाई यात्रा करने की छूट दी जाती है तो यह बहुत ही नायाब कदम होगा। इस तरह के समझौते बेहतर आर्थिक समन्वय के लिए स्थाई आधार तैयार करते हैं, जो दोनों देशों का साझा लक्ष्य होना चाहिए।'

अखबार का तर्क है कि पेरिस में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बेहद छोटी बातचीत के बाद जिस तरह दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलनी शुरू हुई है, उसे देखते हुए दोनों देश अपने साझा उद्देश्यों की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

संपादकीय लेख में आगे लिखा गया है, 'पाकिस्तान का अपने पड़ोसी देश के साथ सापेक्ष अलगाव इसके विकास की दिशा में बड़ी बाधा है और इससे बाहर निकलने की प्रक्रिया लंबी है। हालांकि इस तरह के समझौतों से इस दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है। दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ करने में यह सड़क संपर्क से कहीं बेहतर और लाभदायी हो सकता है।'


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