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एफडीआइ नियमों को और उदार बनाने की तैयारी

सरकार की कोशिश इस कड़ी में ऐसे नियमों को सरल बनाने की है जो विदेशी निवेश की प्रक्रिया में अवरोध पैदा करते हैं या जिनकी वजह से प्रस्तावों के अमल में देरी होती है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2017 07:55 PM (IST)
एफडीआइ नियमों को और उदार बनाने की तैयारी
एफडीआइ नियमों को और उदार बनाने की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी से बेअसर रही अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने को सरकार जल्दी ही कुछ क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के नियमों को और उदार बनाने का ऐलान कर सकती है। इनमें सिंगल ब्रांड रिटेल में एफडीआइ आकर्षित करने को नियम और आसान बनाये जा सकते हैं।

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सरकार की कोशिश इस कड़ी में ऐसे नियमों को सरल बनाने की है जो विदेशी निवेश की प्रक्रिया में अवरोध पैदा करते हैं या जिनकी वजह से प्रस्तावों के अमल में देरी होती है। नियमों को आसान बनाने की यह कवायद साल 2017-18 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली की घोषणाओं की ही अगली कड़ी है। पिछले साल ही सरकार ने करीब एक दर्जन क्षेत्रों के लिए एफडीआइ के नियम आसान बनाए थे जिनमें रक्षा, सिविल एविएशन, कंस्ट्रक्शन, प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी, रियल एस्टेट और न्यूज ब्रॉडकास्टिंग शामिल थे।

हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा था कि सरकार गैर खाद्य उत्पादों जिनमें होमकेयर उत्पाद शामिल हैं को भी इस नीति के दायरे में लाने पर विचार करेगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार प्रिंट मीडिया में भी एफडीआइ की सीमा को मौजूदा 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद करने पर विचार कर रही है।

सूत्रों का कहना है कि सिंगल ब्रांड रिटेल में ऑटोमैटिक निवेश के जरिए सौ फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी देने के बाद अब इस बात पर विचार कर रही है कि कैसे इस क्षेत्र में ज्यादा विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। वैसे भी देश में सड़क, एयरपोर्ट और बंदरगाहों जैसे बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए कम से कम एक लाख करोड़ डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। सरकार का मानना है कि विदेशी निवेश से ही देश की भुगतान संतुलन की स्थिति में सुधार होगा और विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपये की कीमत में मजबूती आएगी। अप्रैल-दिसंबर 2016 की अवधि में भारत में आने वाले एफडीआइ में 22 फीसद की वृद्धि हुई है। इस अवधि में देश में 35.85 अरब डालर का विदेशी निवेश आया।


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