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राष्ट्रपति चुनाव का मतदान आज, आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी

भारत के अगले राष्ट्रपति के लिये आज मतदान होना है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 16 Jul 2017 11:11 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jul 2017 08:14 AM (IST)
राष्ट्रपति चुनाव का मतदान आज, आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी
राष्ट्रपति चुनाव का मतदान आज, आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति का चुनाव सोमवार को होगा। इसके लिए कुल 32 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। संसद तथा विधानसभाओं में मतदान सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। सांसद संसद में और विधायक अपने राज्यों की विधानसभा में वोट डालेंगे। चुनाव के लिए सांसदों को 'हरा' और विधायकों को 'गुलाबी' मतपत्र दिया जाएगा।

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इस चुनाव में राजग ने रामनाथ कोविंद और विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है। 60 फीसद मतों के साथ कोविंद की जीत तय है। चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप जारी नहीं किया जाता है, इसलिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने की भी संभावना है। माना जा रहा है कि कोविंद राजग के बाहर से मिले वोटों के दम पर प्रणब मुखर्जी से ज्यादा मतों के साथ चुनाव जीत सकते हैं। साल 2012 के चुनाव में प्रणब ने 69 फीसद वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी पीए संगमा को हराया था।

भारत के अगले राष्ट्रपति के लिये आज मतदान होना है। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा। चुनाव में एनडीए उम्मीदवार राम नाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार आमने-सामने हैं लेकिन आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी दिख रहा है।

 मतों की गिनती 20 जुलाई को दिल्ली में होगी जहां विभिन्न राज्यों की राजधानियों से मत पेटियां लाई जायेंगी। इन चुनावों में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य तथा राज्य विधानसभाओं के सदस्य मतदाता होते हैं। इस चुनाव में एनडीए का पक्ष भारी लग रहा है लेकिन विपक्ष अपने उम्मीदवार के समर्थन में कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है। बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने देश भर में घूम-घूम कर अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में लोगों से मत देने को कहा है।

 मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। अब तक मुखर्जी समेत 13 लोग इस पद पर रह चुके हैं। इन चुनावों में कुल 4896 मतदाता-4120 विधायक और 776 सांसद - अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिये पात्र हैं। राज्यों की विधान परिषद के सदस्य विधान पार्षद इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते है।

 लोकसभा अध्यक्ष जहां इस चुनाव में मत डाल सकता है वहीं एंग्लो-इंडियन समुदाय से लोकसभा में नामित होने वाले दो सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता है। राज्यसभा के भी 12 नामित सदस्य इन चुनावों में मतदान के अयोग्य होते हैं। यह चुनाव क्योंकि गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है इसलिये पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मत डालने के लिये व्हिप जारी नहीं कर सकतीं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है। हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और एआईएडीएमके के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है। इस चुनाव में वोट देने वाले सांसदों और विधायकों को मतदान केंद्र के भीतर अपना पेन ले जाने से मना किया गया है और वे विशेष रूप से डिजाइन किये गए मार्कर से मतपत्र पर निशान लगाएंगे।

नहीं ले जा सकेंगे अपना पेन

इस बार का चुनाव दो मायनों में खास होने जा रहा है। पहला यह कि वोटर मतदान कक्ष में अपना पेन नहीं ले जा सकेंगे। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खास पेन से ही वोट करना होगा। दूसरी बात यह कि आयोग ने वोटरों के लिए पहली बार 'क्या करें और क्या नहीं करें' का स्पेशल पोस्टर तैयार कराया है। इसमें खास पेन के इस्तेमाल करने के साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि किसी प्रत्याशी के पक्ष में निर्देश या व्हिप जारी नहीं किए जाएं।

खास पेन की जरूरत क्यों

पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में इंक के कारण कुछ मत रद हो गए थे। इस पर भारी विवाद हुआ था। इसी के बाद आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में खास पेन के इस्तेमाल का फैसला किया। वोटरों को खास सीरियल नंबर वाले बैंगनी (वायलेट) इंक वाले पेन से ही वोट मार्क करना होगा। आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी अन्य पेन का इस्तेमाल करने पर वोट अमान्य कर दिया जाएगा।

55 सांसद डालेंगे राज्यों में वोट 

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर समेत 55 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में वोट डालने की इजाजत दे दी है। इनमें 14 राज्यसभा और 41 लोकसभा के सदस्य हैं। इसके अलावा पांच विधायक संसद भवन स्थित मतदान केंद्र में वोट डालेंगे।

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