चार साल में देशभर के सभी स्थानीय निकाय होंगे डिजिटल, थमेगा भ्रष्टाचार और बढ़ेगी जवाबदेही, मिलेंगी ऑनलाइन सुविधाएं
2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाए तो देश के आधे शहरी निकाय पूरी तरह डिजिटल हो चुके होंगे। बचे हुए शहरी निकाय 2024 तक डिजिटलाइज हो जाएंगे। जब चीजें आनलाइन होने लगेंगी तो उनमें भ्रष्टाचार भी थमेगा और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। कामकाज को सुगम और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए देशभर के सभी स्थानीय निकाय चार वर्ष में डिजिटल हो जाएंगे। सभी निकायों को एक समान प्लेटफार्म पर निर्धारित सेवाएं आनलाइन देनी होंगी। इसी आधार पर उनकी रैंकिंग तय होगी और केंद्र की ओर से विशेष आर्थिक प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। केंद्र सरकार की इस पहल पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआइयूए) ने शहरी निकायों को पूरी तरह डिजिटल करने की योजना तैयार कर ली है, साथ भी उस पर काम भी शुरू कर दिया है।
देशभर में तकरीबन 4,400 शहरी स्थानीय निकाय हैं
जानकारी के मुताबिक देशभर में तकरीबन 4,400 शहरी स्थानीय निकाय हैं। वेबसाइट तो ज्यादातर ने बना रखी हैं, लेकिन कामकाज डिजिटल तरीके से नहीं हो रहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय तथा सूचना व प्रौद्योगिक मंत्रालय ने राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) की रूपरेखा बनाई है। एनयूडीएम शहरी भारत के लिए एक साझा डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करेगा, जो शहरों व कस्बों को समग्र सहायता प्रदान करने के लिए तीन स्तंभ-जनता, प्रक्रिया व मंच पर काम करेगा। एनयूडीएम को एनआइयूए की तरफ से संचालित किया जाएगा। सेवा वितरण में सुधार, जवाबदेही तय करने और शासन को बदलने की प्रक्रिया केंद्र डिजिटल गवर्नेस केंद्र (सीडीजी) के जरिये शुरू होगी।
एनआइयूए ने तैयार किया कामन मिनिमम एजेंडा
एनयूडीएम के तहत एनआइयूए ने कामन मिनिमम एजेंडा तैयार किया गया है, जिसके तहत सभी शहरी निकायों को एक प्लेटफार्म को अपनाना होगा। इसके अलावा हर स्थानीय निकाय को कुछ व्यवस्थाएं अपने यहां लागू करनी ही होंगी, जो सभी जगह समान होंगी। इसी तरह कुछ सेवाओं को पूरी तरह आनलाइन ही देना होगा। कामन प्लेटफार्म से विभिन्न निकाय एक दूसरे की कार्यप्रणाली देख व जान सकेंगे तो साथ ही केंद्रीय स्तर पर इनकी निगरानी भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
2022 तक देश के आधे शहरी निकाय देंगे डिजिटल सेवाएं
एनआइयूए का प्रयास है कि 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाए तो देश के आधे शहरी निकाय पूरी तरह डिजिटल हो चुके होंगे। बचे हुए शहरी निकाय 2024 तक डिजिटलाइज हो जाएंगे। कोशिश यही की जा रही है कि जब चीजें आनलाइन होने लगेंगी तो उनमें भ्रष्टाचार भी थमेगा और जवाबदेही भी बढ़ेगी। इससे निकायों की कार्यशैली सुधरेगी और जनता की परेशानियां भी तय समयावधि में दूर हो सकेंगी।
ये सुविधाएं मिलेंगी ऑनलाइन
1. जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र
2. संपत्ति कर भुगतान
3. नगर पालिका शिकायत निवारण
4. भवन योजना की स्वीकृति
5. पानी और सीवरेज
6. व्यापार लाइसेंस व अनापत्ति प्रमाण पत्र
7. उपयोगकर्ता शुल्क और शिकायतों का सुधार
शहरी निकायों को डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू
शहरी निकायों को डिजिटल करने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है। बेहतर शासन एवं प्रशासन के उद्देश्य के साथ अगले सात तक ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगेंगे -हितेश वैद्य, निदेशक, एनआइयूए।