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उड़ीसा: 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते 26 दिसंबर को बंद रहेंगे सभी सरकारी विभाग

उड़ीसा सरकार ने 26 दिसंबर 2019 को पड़ने वाले सूर्यग्रहण के चलते राज्य के सभी सरकारी विभाग को बंद करने का ऐलान किया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 07:34 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 07:34 PM (IST)
उड़ीसा: 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते 26 दिसंबर को बंद रहेंगे सभी सरकारी विभाग
उड़ीसा: 26 दिसंबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के चलते 26 दिसंबर को बंद रहेंगे सभी सरकारी विभाग

भुवनेश्वर, एएनआइ। उड़ीसा सरकार ने 26 दिसंबर 2019 को पड़ने वाले सूर्यग्रहण के चलते राज्य के सभी सरकारी विभाग को बंद करने का ऐलान किया है। इसमें रेवन्यू और मैजिस्ट्रियल कोर्ट्स (Revenue and Magisterial Courts) भी शामिल हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, इस दिन साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लगेगा। इस ग्रहण के चलते राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।

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इस साल का होगा तीसरा सूर्यग्रहण

कई दशकों बाद बाद एक बड़ा सूर्यग्रहण भारत में दस्तक देने वाला है। इस सूर्यग्रहण के दौरान खास परिस्थितियां भी बनती दिख रही हैं। इस 26 दिसंबर को वर्ष 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। बता दें कि यह साल का तीसरा सूर्यग्रहण है, लेकिन पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में यह साल का पहला ग्रहण होगा। ज्योतिषियों के अनुसार 26 दिसंबर को लगने वाला ग्रहण 57 साल पहले लगे ग्रहण जैसा प्रभावी होगा। इससे पहले ऐसी स्थिति साल 1962 में बनी थी, जब 7 ग्रहण एक साथ थे।

सुबह 8 बजे से होगा लगेगा ग्रहण

26 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से यह ग्रहण शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर खत्म होगा। वहीं, अलग अलग शहरों के हिसाब से सूर्य ग्रहण के शुरू और खत्म होने के ससमय में अंतर रहेगा। सूतक काल का प्रारंभ 25 दिसंबर से ही हो जायेगा। इस बार ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी 25 दिसंबर की शाम से ही सूतक काल प्रभावी हो जाएगा जो 26 दिसंबर तक जारी रहेगा।

धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार यह ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए सूतक काल के दौरान खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्तियां डाल कर रखनी चाहिए, जिससे ये दूषित न हो सकें। वहीं, तुलसी के पत्‍तों को भी सूतक काल शुरू होने से पहले ही तोड़ लेना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक, ग्रहण से ठीक एक दिन पहले पौष माह में मंगल वृश्चिक में प्रवेश करने वाला है। यह स्थिति बड़े प्राकृतिक आपदा की ओर इशारा कर रही है। इस ज्‍योतिषीय गणना के मुताबिक, ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर भूकंप, सुनामी के अलावा बर्फबारी भी हो सकती है। 


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