Move to Jagran APP

लव जिहाद: माता-पिता के साथ नहीं रहेगी, पढ़ाई पूरी करेगी हादिया

निचली अदालत ने हदिया का बयान लेने का उसके पति का अनुरोध ठुकरा दिया था। शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले युवती ने बताया था कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 27 Nov 2017 09:08 AM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 10:03 PM (IST)
लव जिहाद: माता-पिता के साथ नहीं रहेगी, पढ़ाई पूरी करेगी हादिया
लव जिहाद: माता-पिता के साथ नहीं रहेगी, पढ़ाई पूरी करेगी हादिया

माला दीक्षित, नई दिल्ली। धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम युवक से शादी करने वाली हिन्दू लड़की अखिला उर्फ हादिया फिलहाल माता पिता के साथ नहीं रहेगी। वह तमिलनाडु के होम्योपैथी कालेज के हास्टल में रह कर अपनी ग्यारह महीने की इंटर्नशिप पूरी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह अंतरिम आदेश दिया। लेकिन इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले कोर्ट बड़े पशोपेश मे फंसा दिखा।

loksabha election banner

कोर्ट के सामने सवाल था कि एक बालिग युवती की इच्छा का सम्मान हो या फिर सुनियोजित ढंग से धर्मपरिवर्तन करा कर आतंकवाद के लिए भर्ती की साजिश के पिता और एनआइए की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर विचार हो। क्या किया जाए। असमंजस की स्थिति इस कदर थी कि एक बार तो कोर्ट कहता कि बालिग व्यक्ति की इच्छा महत्वपूर्ण होती है और इसकी इच्छा में कब और किस हद तक दखल दिया जा सकता है ये देखना होगा तो दूसरी ओर कहता कि संवैधानिक अदालत होने के नाते वो एक बालिग महिला को निराश्रित और ट्रैफिकिंग की स्थिति में भी नहीं छोड़ सकता। इन अनसुलझे सवालों को आगे जनवरी में विचार के लिए टालते हुए आखिर कोर्ट ने बीच का रास्ता निकाला।

अदालत में मौजूद और आजादी व पति के साथ रहने की इच्छा जता रही हादिया को समझाया कि उसे अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए और अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल बनना चाहिए। कोर्ट ने जब पूछा कि क्या वह अधूरी छूटी इंटर्नशिप पूरी करना चाहती है तो युवती ने सहमति जताई। जिसके बाद कोर्ट ने 11 महीने की इंटर्नशिप पूरी करने करने के लिए उसे सीधे तमिलनाडु के सेलम में शिवराज होम्योपैथी कालेज ले जाने का आदेश दिया। वहां हास्टल में रह कर हादिया अपनी इंटर्नशिप पूरी करेगी।

वह हास्टल में समान्य छात्राओं की तरह रहेगी और उसके एडमीशन आदि में अगर कोई दिक्कत आती है तो कालेज की डीन कोर्ट को अवगत करा सकते हैं। इसके अलावा मुख्य मामले पर सुनवाई कोर्ट ने जनवरी के तीसरे सप्ताह तक टाल दी। तीन बजे मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ खचाखच भरी अदालत में मामले की सुनवाई करने बैठी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस कर्मियों से घिरी हादिया और उसके माता पिता भी अदालत में मौजूद थे।

पिता की मांग थी कि खुली अदालत में नहीं कोर्ट लड़की से चैम्बर के अंदर बात करे, जबकि हादिया के पति और याचिकाकर्ता शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल की मांग थी कि लड़की बालिग है। कोर्ट ने उसकी इच्छा जानने के लिए उसे बुलाया है ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले कोर्ट उससे सीधे बात करे। हादिया से खुली अदालत में बात की जाए या न की जाए इस पर एक घंटे से ज्यादा बहस हुई अंत में कोर्ट ने हादिया से बात करनी शुरू की। हादिया को अंग्रेजी नही आती थी इसलिए एक वरिष्ठ वकील ने अनुवादक का काम किया।

#केरललवजिहाद मामला। पिता के साथ नही रहेगी अखिला उर्फ़ हादिया। सुप्रीमकोर्ट ने हादिया को सीधे तमिलनाडु के सेलम के होमियोपैथिक मेडिकल कालेज ले जाने और इंटर्नशिप पूरी कराने का दिया आदेश। कालेज और सरकार हादिया के एडमिशन और हास्टल मे रहने की करेगी व्यवस्था।@JagranNews— Mala Dixit (@mdixitjagran) November 27, 2017

देखना होगा कि कानूनन कोर्ट किसी बालिग की इच्छा में कब और किस हद तक दखल दे सकता है - जस्टिस चंद्रचूड़- संवैधानिक अदालत होने के कारण किसी महिला को निराश्रित या ट्रफिकिंग की स्थिति मे भी छोड़ सकते - जस्टिस चंद्रचूड़ - किसी शादी की अहमियत जीवनसाथी के काम पर नहीं निर्भर होती। - चंद्रचूड़- सामान्य स्थिति में सामान्य तरीका अपनाया जाता है - जस्टिस खानविल्कर- हम तीनों अलग अलग हाईकोर्ट से आये हैं और आजतक हम लोगों ने 200 से ज्यादा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं सुनी होंगी लेकिन ऐसा मामला नहीं देखा - मुख्य न्यायाधीश

यह भी पढ़ें: आठवीं क्‍लास के बच्‍चे का मैडम पर आया दिल, मैसेज कर कहा- आई लव यू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.