जानिए, अल-अजहर यूनिवर्सिटी ने क्यों कहा, अयोध्या में विवादित भूमि पर किसी हालात में नमाज जायज नहीं
प्रिंस याकूब तुकी ने दावा किया है कि उन्हें मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी से मिले फतवे में कहा गया है कि अयोध्या में विवादित भूमि पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है।
हैदराबाद, एएनआइ। प्रिंस याकूब तुकी ने दावा किया है कि उन्हें मिस्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी से मिले फतवे में कहा गया है कि अयोध्या में विवादित भूमि पर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती है। प्रिंस भारत पर शासन कर चुके मुगल वंश से आते हैं। प्रिंस ने कहा कि उन्होंने अल-अजहर यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर बताया था कि अयोध्या में किस तरह बाबरी मस्जिद ध्वस्त कर दी गई और अब हिंदू वहां पूजा करते हैं।
अल-अजहर यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा
हैदराबाद में बातचीत के दौरान प्रिंस याकूब ने कहा, 'हाल ही में मैंने अल-अजहर यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा था। मैंने पूछा था कि क्या अब वहां नमाज अदा की जा सकती है या वहां इस्लामिक नजरिये से मस्जिद बनवाई जा सकती है? कारण यह है कि भारत में कुछ उलेमा और मुस्लिम कह रहे हैं कि वहां मस्जिद बनाई जा सकती है। अभी सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई चल रही है। मैंने यह भी उल्लेख किया था कि इस मामले में कुछ लोगों की जान जा चुकी है।'
वहां नमाज नहीं अदा की जा सकती है और न ही मस्जिद बनाई जा सकती है
प्रिंस याकूब ने आगे बताया, 'मुझे जवाब मिला है। अरबी में आए फतवे में कहा गया है कि अब किसी भी परिस्थिति में वहां नमाज अदा नहीं की जा सकती। वहां मस्जिद भी नहीं बनाई जा सकती है। मैंने फतवे का अनुवाद करा लिया है। जब सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका मंजूर कर ली जाएगी तब हम उसे सौंपेंगे।'
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का करें समर्थन
प्रिंस याकूब ने कहा कि यदि दुनिया में किसी मुस्लिम ने अल-अजहर यूनिवर्सिटी का फैसला मानने से इन्कार किया तो वह इस्लाम से बाहर होगा। उन्होंने कहा, 'मैं भारत में अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन करने की अपील करता हूं।'
राम मंदिर के लिए सोने की ईंट सौंपेंगे
प्रिंस याकूब ने पिछले महीने कहा था कि यदि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता है तो इसके लिए वह सोने की ईट सौंपेंगे। सुप्रीम कोर्ट से उन्होंने याचिका पर सुनवाई करने की अपील की है क्योंकि वक्फ बोर्ड अयोध्या की भूमिका मालिक नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट भूमि का मालिकाना उन्हें सौंपता है तो वह उसे भारत सरकार को सौंप देंगे।