सपा-बसपा में हो सकता है गठबंधन, पटना रैली में साथ होंगे अखिलेश और मायावती
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 27 अगस्त को लालू यादव के नेतृत्व में होने जा रही पटना की रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ मंच साझा करेंगे। इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
नई दिल्ली/मैनपुरी, जेएनएन। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन की अटकलें सियासी गलियारों में फिर तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती पटना की रैली में पहली बार एक साथ सार्वजनिक मंच पर आएंगे। बुधवार को मैनपुरी के करहल में पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने यह जानकारी दी।
अखिलेश ने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य दलों को 27 अगस्त को लालू यादव के नेतृत्व में होने जा रही पटना की रैली में बुलाया गया है। उन्हें न्योता मिल चुका है, वह जाएंगे। बसपा नेताओं को बुलाया गया है, वह (मायावती) भी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस रैली में ही भाजपा के खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार होगी। रैली राजनीति की भी नई दिशा तय करेगी।
राष्ट्रपति चुनाव के सवाल को लेकर कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं के एकजुट होने के लिए बैठक हो चुकी है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी का साथ वह कभी नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के काल में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। मथुरा, आगरा, इटावा, मैनपुरी, बिजनौर, सहारनपुर जैसे शहरों में व्यापारी लूटे और मारे जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अपराध खत्म करने का आश्वासन देने वाले योगी अब क्यों कोई मंत्र नहीं फूंक देते?
मोदी और नेताजी के नहीं थे वो बोल
विधानसभा चुनाव के दौरान कन्नौज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान कि 'जो पिता का नहीं वह किसी का नहीं' के बाद मुलायम के बयान कि मोदी की टिप्पणी के कारण सपा हारी, इस पर अखिलेश यादव का कहना है कि दरअसल, प्रधानमंत्री और नेता जी ने जो कहा वो उनके शब्द नहीं थे। किसी के समझाने पर मोदी और नेता जी ने ये बात कहीं।
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