Move to Jagran APP

आजकल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया किरदार निभा रही है 'टोंटी'

यूपी की सियासत में इन दिनों दो दलों के बीच फंसी टोंटी का मुद्दा इतना बढ़ गया है कि इस पर सफाई देने के लिए पूर्व सीएम पत्रकार वार्ता में भी इन्‍हें लेकर पहुंच गए।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 05:33 PM (IST)
आजकल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया किरदार निभा रही है 'टोंटी'
आजकल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया किरदार निभा रही है 'टोंटी'

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। यूपी की सियासत इन दिनों पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बंगले के इर्द-गिर्द घूम रही है। वहीं दो दलों के बीच फंसी टोंटी का मुद्दा इतना बढ़ गया है कि इस पर सफाई देने के लिए पूर्व सीएम पत्रकार वार्ता में भी इन्‍हें लेकर पहुंच गए। इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें चल रही हैं। बहरहाल, हम सोशल मीडिया की बात तो नहीं कर रहे हैं लेकिन यूपी में टोंटी को जिस तरह से सरकार और विपक्ष ने मुद्दा बनाया है वह वास्‍तव में बड़ा दिलचस्‍प हो गया है। दरअसल, इस मुद्दे की शुरुआत उस वक्‍त हुई जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश यादव को अपना सरकारी आवास मजबूरन छोड़ना पड़ा था। इसके बाद सूबे की सरकार ने इस आवास को पत्रकारों के लिए खोल दिया।

loksabha election banner

अखिलेश के बंगले की चर्चा
ऐसा करना था कि मीडिया से लेकर हर जगह तक इस बंगले की चर्चा होनी शुरू हो गई। दरअसल, पत्रकारों के लिए खोले जाने के बाद मीडिया में जो अखिलेश का बदहाल बंगला दिखाया गया उसको देखकर हर कोई हैरान और परेशान था। हैरान इसलिए था क्‍योंकि सूबे के मुख्‍यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने इस बंगले की साज-सज्‍जा पर 42 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लेकिन जो तस्‍वीरें बाद में सामने आई वह कुछ और ही बयां कर रही थीं। उस वक्‍त इस बंगले से स्‍वीमिंग पूल में लगी महंगी टाइल्‍स को या तो तोड़ दिया गया था, या फिर उसकी टाइल्‍स को निकाल लिया गया था। इतना ही नहीं इसको मिट्टी से भी भर दिया गया था। ऐसा ही कुछ हाल घर के बॉथरूम से लेकर किचन तक का भी था। कई जगहों पर लगी महंगी टाइल्‍स को या तो निकाल लिया गया, या फिर तोड़ दिया गया था।

बाथरूम से गायब सामान
बाथरूम में लगे महंगे साजो सामान को भी निकाल लिया गया था। छत पर लगे सेंट्रलाइज एसी समेत बंगले लगी महंगी लाइट्स को भी निकाल लिया गया था। कुल मिलाकर पूरा बंगला अब एक उजड़ा चमन हो चुका था। इसको लेकर अब सूबे में सियासी घमासान मचा हुआ है और इसमें टोंटी को एक खास जगह मिल गई है। मामला उछलते ही समाजवादी पार्टी के प्रवक्‍ता ने यह कहने में देर नहीं लगाई कि यह सब सरकार की एक सोची समझी चाल है। इसके जरिए सरकार पूर्व सीएम को बदनाम करना चाहती है।

अखिलेश की सफाई
बुधवार को भी यही सब कुछ राज्‍य के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मुंह से भी सुनने को मिला। उन्‍होंने यहां तक कह डाला कि सरकार के लोग उनके ही सामान को बंगले से उठाकर ले गए। वह यहीं पर नहीं रुके उन्‍होंने पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि सरकार उन्‍हें उनका सामान लौटा दे। बंगले में हुई तोड़फोड़ और आरोपों पर उनका कहना था कि उस बंगले में जो उनका सामान था, उन्‍होंने वही लिया है। अखिलेश ने उन सभी आरोपों से इंकार किया कि जो सरकार की तरफ से उनपर लगाए गए हैं। उन्‍होंने बंगले में किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करने की बात कही और साथ ही सूबे की सरकार पर आरोप भी जड़ दिया। अखिलेश का कहना था कि वह इस मामले से जुड़ी फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

सरकार बनवा रही लिस्‍ट
आपको यहां पर बता दें कि सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही संबंधित अधिकारी बंगले के सामान की एक लिस्‍ट भी तैयार कर रही है। इस लिस्‍ट के मुताबिक सरकार की योजना अखिलेश यादव से हर्जाना मांगने की है। सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यदि बंगले से सामान ले जाने की बात सच हुई तो इसका हर्जाना लिया जाएगा और नोटिस भी दिया जाएगा। इससे पहले सरकार के संबंधित अधिकारी यहां के सामान की लिस्‍ट तैयार कर रहे हैं। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले वह घर पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्‍हें मिलने वाला था। इसलिए उन्‍होंने अपनी पसंद के हिसाब से इसको बनवाया था। इस दौरान उन्होंने टोटी दिखाते हुए कहा कि आज मैं यह लेकर आया हूं, सरकार बताए तो मैं पूरी टोटी दे दूंगा।

सरकार की बदनाक करने की साजिश
सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश ने पत्रकार वार्ता में कहा कि बंगले में वुडेन फ्लोरिंग के साथ ही तमाम चीजें अभी भी जस की तस हैं। बंगले में टूटफूट पर सफाई देते हुए उनका कहना था कि ​एक टूटे हुए कोने की तस्वीर इस तरह से खींची गई कि लगे कि पूरा बंगला ही खराब कर दिया गया है। उन्‍होंने इस दौरान यहां तक कहा कि टोंटी अफीमची या भांग खाने वाला ही तोड़ सकता है। इस पत्रकार वार्ता में उन्‍होंने लगभग हर आरोपों पर सफाई दे। उन्होंने कहा कि अगर स्टेडियम था तो उनका था। यहां पर लगे स्टील स्ट्रक्चर की बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि यह इसलिए ही लगाया गया था कि इसको जरूरत पड़ने पर हटाया जा सके। लेकिन सरकार ने हर जगह की फोटो को इस तरह से पेश किया कि जैसे उन्‍होंने बंगले को उजाड़ दिया हो।

बंगले में नहीं हुई तोड़फोड़
अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए अखिलेश यादव ने साफतौर कहा कि बंगले में तोड़फोड़ नहीं हुई है। उनका कहना था कि उपचुनावों में हार से योगी सरकार बौखला गई है। इसी वजह से इस तरह की बातें कह रही है। इसका मकसद लोगों का ध्‍यान हार से भटकाना भी हो सकता है। आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बंगला खाली करने के बाद ओएसडी अभिषेक और आईएएस अफसर मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। उनके मुताबिक जब उन्‍हें यह बंगला मिला था तो उसमें जो भी चीजें मिली, उसकी एक पूरी लिस्ट है। अगर इस लिस्ट के हिसाब से कोई सामान गायब होगा तो मैं उसके लिए वह जिम्‍मेदार होंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री जी, पहले बंगला बनवाइए, फिर खाली करते हुए उसको तोड़िए, अब होगी जांच
हैरान कर देनेवाली खबर: अखिलेश यादव बंगले से क्या गए, अपने साथ टोंटियाँ, टाइल्‍स और ट्यूबलाइट भी ले गए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.