सिंधुरक्षक हादसे के बाद पूरे पनडुब्बी बेड़े की जांच शुरू
नई दिल्ली। मुंबई डॉकयार्ड में खड़ी आइएनएस सिंधुरक्षक में अचानक हुए धमाकों और अग्निकांड में 1
नई दिल्ली। मुंबई डॉकयार्ड में खड़ी आइएनएस सिंधुरक्षक में अचानक हुए धमाकों और अग्निकांड में 18 जवानों को खोने के बाद नौसेना ने अपने पूरे पनडुब्बी बेड़े की जांच शुरू कर दी है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सिंधुरक्षक हादसे के बाद संसद में दिए बयान में कहा कि नौसेना अपनी सभी पनडुब्बियों में शस्त्रास्त्र संबंधी सुरक्षा इंतजामों और कामकाज के लिए निर्धारित नियमावली की समीक्षा कर रही है।
रक्षा मंत्री के अनुसार 13व 14 अगस्त की मध्यरात्रि को हुए हादसे के बारे में प्रारंभिक आकलन यह है कि दुर्घटना पनडुब्बी के शस्त्रास्त्र कंपार्टमेंट के भीतर विस्फोट से हुई, जिससे गोला-बारूद में आग लग गई और यह बड़े धमाकों का कारण बना। एंटनी के मुताबिक पनडुब्बी में धमाके इतनी तेजी से हुए कि किसी को संभलने या बचने का मौका भी नहीं मिल पाया। इसके कारण नजदीक खड़ी पनडुब्बी आइएनएस सिंधुघोष के भी बाहरी हिस्से में आग लग गई। हालांकि उसे और नजदीक खड़े अन्य पोतों को जल्द ही हटाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया। उन्होंने बताया कि पनडुब्बी को सतह पर लाने के बाद ही विस्फोट के वास्तविक कारण का पता लगेगा।
हादसे पर राज्यसभा में बयान दे रहे एंटनी ने कहा कि डॉकयार्ड की तलहटी में बैठी सिंधुरक्षक को बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में दुनिया में ऐसे कामों के माहिर पेशेवरों की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा सिंधुरक्षक के उन्नयन में मदद करने वाले रूस ने भी सहायता की पेशकश की है। महत्वपूर्ण है कि रूस से आधुनिकीकरण के बाद यह पनडुब्बी 29 अप्रैल को ही भारत लौटी थी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार पनडुब्बी के ढांचे को हुए नुकसान के कारण इसमें भरे पानी को निकालने के लिए चल रही कोशिशों में कोई कामयाबी अभी नहीं मिल पाई है। पानी की आवक का कारण बन रहे ढांचागत नुकसान का पता लगाने के लिए भी प्रयास हो रहे है। इस बीच नौसेना के गोताखोरों के दस्ते भी लगातार काम पर लगे हैं।
इस दुर्घटना में नौसैनिकों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए एंटनी ने उनके परिजनों को पूरी सहायता व सहयोग देने का वादा किया।
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