अजीत पवार फिर बनें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री
मुंबई [जासं]। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार शुक्रवार की सुबह फिर से उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कुछ सप्ताह पहले सिंचाई घोटाले में उन पर लग रहे आरोपों के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब सरकार द्वारा प्रस्तुत श्वेतपत्र में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। पिछले सप्ताह ही सिंचाई घोटाले पर आए राज्य सरकार के श्वेतप˜
मुंबई [जासं]। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार की सुबह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लें ली। कुछ सप्ताह पहले सिंचाई घोटाले में उन पर लग रहे आरोपों के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब सरकार द्वारा प्रस्तुत श्वेतपत्र में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है।
पिछले सप्ताह ही सिंचाई घोटाले पर आए राज्य सरकार के श्वेतपत्र में अजीत को निर्दोष करार दिया गया था। हालांकि इस श्वेतपत्र से विपक्ष संतुष्ट नहीं है। लेकिन राकांपा नेताओं द्वारा तभी से पार्टी हाईकमान पर अजीत को पुन: उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की जाने लगी थी। चूंकि 10 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। माना जा रहा है कि इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी का मनोबल ऊंचा रखने के लिए अजीत पवार को पुन: कैबिनेट में शामिल करने एवं उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का फैसला किया गया है। कुछ सप्ताह पहले उनके इस्तीफा देने के समय भी उनके समर्थकों ने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर उनका इस्तीफा स्वीकार न किए जाने का दबाव बनाया था।
महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार की शुरुआत होने के बाद से करीब 10 साल तक अजीत पवार ही राज्य के सिंचाई मंत्री रहे। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान 68000 करोड़ रुपए खर्च करके भी महाराष्ट्र की सिंचन क्षमता में एक प्रतिशत से भी कम की वृद्धि हो सकी। सीएजी की इस रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा ने अजीत पवार पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी। उनके विरुद्ध उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक याचिका भी दायर की गई है। इस प्रकार खुद पर लग रहे आरोपों को दबाने के लिए उन्होंने 25 सितंबर को अपना पद से इस्तीफा दे दिया था। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि अजीत पवार को निर्दोष सिद्ध करने के लिए सरकार ने जल्दबाजी में सिंचाई घोटाले पर श्वेतपत्र तैयार किया।
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