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6 साल बाद आखिरकार आया फैसला, अजीत जोगी नहीं हैं आदिवासी

आइएएस रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता वाली छानबीन समिति की मंगलवार शाम को बैठक हुई। समिति के सदस्यों के मुताबिक, जोगी के आदिवासी होने के दावे को अमान्य कर दिया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 09:53 AM (IST)
6 साल बाद आखिरकार आया फैसला, अजीत जोगी नहीं हैं आदिवासी
6 साल बाद आखिरकार आया फैसला, अजीत जोगी नहीं हैं आदिवासी

रायपुर, नईदुनिया। पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट और फिर हाई कोर्ट के आदेश पर बनी उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने यह फैसला लिया है। आदेश की प्रति हाई कोर्ट को भेज दी गई है।

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छानबीन समिति को दो माह में फैसला करने का आदेश था, लेकिन इसमें छह साल लग गए। समिति के फैसले से जोगी परिवार और उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जोगी का कहना है कि मैं 30 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं। जनता जानती है कि मैं आदिवासी हूं, इसलिए मुझे सहानुभूति का लाभ मिलेगा। समिति का फैसला राजनीतिक विद्वेषपूर्ण है। वह इसे हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

आइएएस रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता वाली छानबीन समिति की मंगलवार शाम को बैठक हुई। समिति के सदस्यों के मुताबिक, जोगी के आदिवासी होने के दावे को अमान्य कर दिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कमेटी का निर्णय अंतिम माना जाता है।

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