अजय देवगन अपने बच्चों के नाम पर बने 'एनवाई' सिनेमा को फैलाएंगे देश के कोने-कोने तक
सिनेमा के प्रति अपने प्रेम के कारण ही अजय ने अपने नए वेंचर एनवाई सिनेमाज का विस्तार आरंभ कर दिया है।
नई दिल्ली, (यशा माथुर)। दृश्यम, सिंघम, गोलमाल जैसी फिल्मों से लोगों के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाने वाले अजय देवगन अब देश में हर जगह अपना 'एनवाई' सिनेमा लेकर जाने की तैयारी में है। उन्हें लगता है कि देश में थियेटर्स की कमी है और सिनेमाप्रेमियों को पर्याप्त रूप से सिनेमा देखने का नहीं मिल रहा है जबकि सिनेमा देखने का हक सभी को है।
सिनेमा के प्रति अपने प्रेम के कारण ही अजय ने अपने नए वेंचर एनवाई सिनेमाज का विस्तार आरंभ कर दिया है। वे टियर टू, थ्री व फोर शहरों में सिंगल व डबल स्क्रीन थियेटर तो बना ही रहे हैं, साथ ही टियर वन शहरों में मल्टीप्लैक्सेज के जरिए लोगों के बीच सिनेमा लेकर आ रहे हैं।
हर व्यक्ति को होगा सिनेमा उपलब्ध
केवल बड़े लोगों तक ही नहीं बल्कि आम व्यक्ति तक भी सिनेमा लेकर जाएंगे अजय देवगन। हर छोटे-बड़े शहर में उनका सिनेमा उपलब्ध होगा। कहते हैं अजय, 'हमारा सिनेमा आम व्यक्ति की पहुंच में होगा। हर क्षेत्र के हिसाब से टिकटों की कीमतें तय होंगी। मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग सिनेमा देखें। कई ऐसी जगहें
हैं जहां लोग चालीस किलोमीटर दूर जाकर सिनेमा देखते हैं क्योंकि वहां थियेटर ही नहीं है। कई जगहों पर पांच लाख लोग रहते हैं, लेकिन वहां थियेटर एक ही है। हम भारत के हर स्थान पर जाना चाहते हैं। सबसे खास बात यह है कि जिस क्षेत्र के लोग जितनी कीमत दे सकते हैं, वहां टिकट का दाम उसी हिसाब से रखा जाएगा।'
डिजिटल मीडिया से कोई खतरा नहीं
जब डिजिटल मीडिया इतनी तेजी से फैल रहा है, ऐसे में हर कोई यह जानने को उत्सुक होगा कि अजय देवगन सिंगल स्क्रीन और डबल स्क्रीन थियेटर बनाने की बात क्यों कर रहे हैं। इस पर अजय कहते हैं,'डिजिटल मीडिया से सिनेमा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। आप खुद देख लें, कोई एक दशक पहले डिजिटल प्लेटफॉर्म आ गया था। इसके बावजूद आज भी पूरी दुनिया में सिनेमा की हैसियत कम होने की बजाय बढ़ी ही है। यहां तक कि चीन में भी सिनेमा खूब पसंद किया जा रहा है। सिनेमा के लिए आप बाहर जाते हैं और बड़ी स्क्रीन पर उसका लुत्फ उठाते हैं।'
अपने बच्चों के नाम पर रखा है नाम
अजय देवगन ने अपने इस मल्टीप्लेक्स वेंचर का नाम अपने दोनों बच्चों 'न्यासा' और 'युग' के नाम पर रखा है। न्यासा के नाम का 'एन' और युग के नाम से 'वाई' लेकर 'एनवाई सिनेमाज' बना है। इस बारे में अजय देवगन कहते हैं कि बच्चों के नाम पर इस वेंचर का नाम जरूर रखा है लेकिन इसमें हमारे बच्चे आएंगे या नहीं, यह वे ही
तय करेंगे। उन्हें बड़े होकर क्या करना है यह उनका अपना फैसला होगा।
सिनेमा जोड़ता है लोगों को
अजय देवगन अपने विचार को यूनीक कॉन्सेप्ट करार देते हैं। वे मानते हैं कि सिनेमा लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाता है और लोग आपस में जुड़ते हैं। वे कहते हैं, 'जब हमारे थियेटर्स में लोग जाएंगे तो खुद महसूस करेंगे कि वे सबसे अलग हैं।'
वृद्धों-दिव्यांग जनों के लिए होंगे खास इंतजाम
हर वर्ग के लोगों तक सिनेमा को पहुंचाने के लिए अजय देवगन ने गुरुग्राम के एलान एपिक के साथ हाथ मिलाया है। यहां के मल्टीप्लैक्सेज में वृद्ध व दिव्यांग जनों के लिए विशेष इंतजाम होगा।
250 स्क्रीन का लक्ष्य
हापुड़, गाजीपुर, रायबरेली और सुंदरनगर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपना सिनेमा लेकर आए अजय के एनवाई सिनेमाज की पूरे देश में अभी 15 स्क्रीन हैं। वे आने वाले सालों में 250 स्क्रीन लाना चाहते हैं जिनमें से सभी आधुनिक तकनीक से युक्त होंगी।
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