वायु प्रदूषण से बढ़ेेगा आटिज्म पीड़ित बच्चों के लिए खतरा, अस्पताल में भर्ती होने की आ सकती है नौबत
Air Pollution News हवा में बढ़ती प्रदूषण की मात्रा बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है विशेषकर आटिज्म का सामना कर रहे बच्चों के लिए तो अस्पताल तक जाने की नौबत आ सकती है। हाल में किए गए शोध में यह दावा किया गया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। वायु प्रदूषण स्पेक्ट्रम डिसआर्डर (ASD) पीड़ित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ जाता है। बीएमजे ओपन नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में पाया गया कि प्रदूषित वायु से बचाकर बच्चों को अतिसक्रियता, आक्रामकता या खुद को चोटिल करने जैसी परिस्थितियों से रोका जा सकता है। आटिज्म एक न्यूरोडेवलपमेंटल विकार है, जिसके लक्षणों व गंभीरता की एक लंबी श्रृंखला होती है। इसमें अक्सर तंत्रिकाओं में सूजन आ जाती है। कई बार ड्रग्स, सप्लीमेंट्स व खानपान के कारण सिस्टमेटिक इनफ्लेमेशन का खतरा बढ़ जाता है।
सिस्टमेटिक इनफ्लेमेशन तब पैदा होता है, जब प्रतिरक्षा प्रणाली लंबे समय तक लगातार शरीर के बचाव के लिए सक्रिय रहती है। सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी हास्पिटल, दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने वर्ष 2011 से 2015 के बीच अस्पताल में भर्ती पांच से 14 वर्ष के आटिज्म पीड़ित मरीजों के आधिकारिक आंकड़े का इस्तेमाल किया। उन्होंने दक्षिण कोरिया के सभी 16 क्षेत्रों के पार्टिकुलैट मैटर (PM 2.5), नाइट्रोजन डाई आक्साइड (NO2) व ओजोन (O3) स्तर से संबंधित छह दिनों के आंकड़े भी हासिल किए। विश्लेषण के दौरान शोधार्थियों ने पाया कि रोजाना अस्पताल में भर्ती होने वाले आटिज्म पीड़ित बच्चों की औसत संख्या 8.5 रही। इनमें लड़कों की औसत संख्या सात व लड़कियों की 1.6 रही।