एयर इंडिया के कर्मचारियों को समय पर वेतन के लाले पड़े, पायलट नाराज
पायलट यूनियनों ने एयर इंडिया प्रबंधन को इस बारे में चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि उन्हें अभी तक दिसंबर का फ्लाइंग अलाउंस नहीं मिला है। इससे उनके दिन काफी तनाव में बीत रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एयर इंडिया के कर्मचारियों को समय पर वेतन के लाले पड़ गए हैं। पिछले एक वर्ष से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। पायलटों को भी भत्तों का भुगतान नहीं हो रहा है, जिसके विरोध में उन्होंने नए ड्यूटी रोस्टर का पालन करने से मना कर दिया है।
फ्लाइंग अलाउंस अभी तक नहीं मिलने से भड़कीं यूनियनें
पायलट यूनियनों ने एयर इंडिया प्रबंधन को इस बारे में चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि उन्हें अभी तक दिसंबर का फ्लाइंग अलाउंस नहीं मिला है। इससे उनके दिन काफी तनाव में बीत रहे हैं। इस स्थिति का उड़ान सुरक्षा पर बुरा असर पड़ सकता है। फ्लाइंग अलाउंस पायलटों को मिलने वाला वो भत्ता है जिसका निर्धारण एक महीने में की गई कुल उड़ानों और उनमें बिताए गए घंटों के आधार पर किया जाता है। इसकी रकम कुल वेतन के लगभग 70 फीसद के बराबर होती है।
यूनियनों ने कहा है कि चूंकि उन्हें फ्लाइंग अलाउंस प्राप्त नहीं हुआ है, लिहाजा उन्होंने ड्यूटी रोस्टर में किए जाने वाले परिवर्तनों को स्वीकार न करने का निर्णय लिया है। जब तक भुगतान नहीं होता पायलट केवल क्रू मैनेजमेंट सिस्टम यानी सीएमएस के आधार पर ही कार्य करेंगे। इससे पायलट तनाव से तो बचेंगे ही, साथ ही साथ उड़ान सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
जानकारों के अनुसार एयरलाइने अक्सर मासिक ड्यूटी रोस्टर में आवश्यतानुसार परिवर्तन करती रहती हैं। कई बार यह परिवर्तन उड़ान से ठीक पहले किया जाता है। यदि किसी कारणवश कोई पायलट या क्रू सदस्य अपनी फ्लाइट पर पहंुचने में असमर्थ रहता है तो उस वक्त रोस्टर में बदलाव कर अचानक दूसरे पायलट या क्रू सदस्य को बुलाया जाता है।
यूनियनों की शिकायत है कि प्रबंधन के सर्वाेच्च अधिकारियों समेत एयर इंडिया के ज्यादातर कर्मचारियों को पूरे वेतन का भुगतान हो रहा है। लेकिन पायलटों को आपात स्थितियों में काम करने के बावजूद अक्सर पूरा वेतन नहीं दिया जाता।
कर्ज के बोझ से लदी एयर इंडिया के 20 हजार कर्मचारियों में से अनेक कर्मचारियों को पिछले एक वर्ष से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। एयर इंडिया पर फिलहाल 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इस पर सालाना 3900 करोड़ का ब्याज देना पड़ रहा है। एयर इंडिया को बचाने के लिए सरकार ने एक विशेष प्रयोजन कंपनी के मार्फत इस ब्याज की भरपाई का वादा किया है।