एयर इंडिया की मानवता: जन्मजात बीमारी से ग्रस्त नवजात के लिए त्रिपुरा-कोलकाता फ्लाइट में किए तमाम प्रबंध
विशेष इलाज के लिए अगरतला से कोलकाता लाई गई जन्मजात बीमारी से पीड़ित 20 दिन की नवजात
नई दिल्ली, एएनआइ। एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट में 20 दिन की नवजात को अगरतला से कोलकाता लाया गया। इलाज के लिए शुक्रवार को कोलकाता पहुंची यह नवजात जन्मजात बीमारी से ग्रस्त है। ट्रैकियो एस्फैगियल फिस्टुला (Tracheo Esophageal Fistula) से ग्रस्त इस बच्ची को एयर ट्रैवल के दौरान लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की आवश्यकता होगी।
मेडिकल साइंस के अनुसार यह बीमारी एसोफेगस (esophagus) और ट्रैकिया (trachea) के बीच असामान्य कनेक्शन के कारण होता है। एसोफेगस गले से पेट तक जाने वाली ट्यूब है और ट्रैकिया गले से विंडपाइप और फेफड़े तक जाने वाली ट्यूब है। अगरतला के एयर इंडिया स्टेशन मैनेजर के अनुसार,'अगरतला में डॉक्टरों ने मारन देबनाथ (Maran Debnath) और उनकी पत्नी सोमा को बताया कि 20 साल के इस बच्चे की जिंदगी कोलकाता में ही बचाई जा सकती है इसलिए किसी तरह वहां पहुंचने का इंतजाम करें। वहां इस बीमारी का विशेष इलाज मौजूद है जिसमें एक जटिल ऑपरेशन की प्रक्रिया होती है।'
डॉक्टरों की बात सुन माता-पिता घबरा गए क्योंकि लॉकडाउन के दौरान कहीं भी जाना एक बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रयासों में किसी तरह की कमी नहीं आने दी। उन्होंने एयर इंडिया से संपर्क किया और अपने हालात बताए। अगरतला के स्टेशन मैनेजर ने सभी कामों को छोड़ इसे प्राथमिकता देते हुए कोलकाता एयर इंडिया से बात की और तुरंत ही उनके ट्रैवल को सुनिश्चित किया। एयर इंडिया के अगरतला स्टेशन मैनेजर ने बताया कि एयरलाइन ने अपने सभी रिर्सोसेज इस बच्ची को इलाज के लिए कोलकाता पहुंचाने के लिए लगा दिया।
अगरतला के स्टेशन मास्टर ने कहा, 'कोलकाता जाने वाली फ्लाइट AI-746 में आवश्यकतानुसार सभी मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था की गई और उन्हें भेजा गया। ऑक्सीजन सिलिंडर व तमाम जरूरतों को फ्लाइट में उपलब्ध कराना और नवजात के नाजुक स्वास्थ्य हालातों को देखते हुए यह काफी मुश्किल और जटिल काम था। लेकिन कोलकाता व अगरतला एयरइंडिया ने मिलकर इसे आसान बना दिया और सुरक्षित ये कोलकाता पहुंच गए।' भावुक मारन ने कोलकाता एयरपोर्ट पर शुक्रिया अदा किया।
कोलकाता में इलाज शुरू करने से पहले एहतियातन डॉक्टरों ने नवजान को कोरोना टेस्ट कराया है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर डॉक्टर इस बीमारी का इलाज शुरू करेंगे।