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वायुसेना अभियान संबंधी क्षमताएं और बढ़ाए : वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया

वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना को अपनी अभियान संबंधी क्षमताओं को और बढ़ाने की जरूरत है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 07:56 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 07:56 AM (IST)
वायुसेना अभियान संबंधी क्षमताएं और बढ़ाए : वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया
वायुसेना अभियान संबंधी क्षमताएं और बढ़ाए : वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना को अपनी अभियान संबंधी क्षमताओं को और बढ़ाने की जरूरत है। वरिष्ठ वायुसैनिक अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन पर एयरचीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि तत्तकालीन चुनौतियों को देखते हुए लोहा लेने के लिए भारतीय वायुसेना को अधिकतम अभियानों के लिए तैयार रखना होगा। उन्होंने वायुसेना के कमांडों की तैयारी पर भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने सभी वायुसैनिकों को मौजूदा और भावी हवाई अभियानों के लिए तैयार रहने को कहा है। 

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रूस से खरीदे जाएंगे 33 नए फाइटर प्लेन

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण (LAC) रेखा पर चीन के साथ जारी तनाव और सामरिक चुनौती की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने तीनों सेनाओं की सैन्य ताकत में बड़ा इजाफा करने का फैसला किया है। इसके तहत वायुसेना के लिए 33 लड़ाकू विमानों के साथ सेना और नौसेना के लिए लंबी दूरी की क्रूज और अस्त्र मिसाइलें खरीदने का निर्णय लिया गया है। लड़ाकू जेट विमानों में मिग-29 और सुखोई-30 के बेड़े में इजाफा किया जाएगा। भारतीय सेनाओं के लिए राफेल रक्षा सौदे के बाद 38,900 करोड रुपये की यह सबसे बड़ी रक्षा खरीद है।

चीन के साथ पूर्वी सीमा पर जारी तनाव के बीच पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की शुरू हुई खुराफात की दोहरी सामरिक चुनौती को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को रक्षा खरीद परिषद (DAC) की हुई बैठक में इन खरीदों की मंजूरी दी गई।

भारतीय वायुसेना के बेड़े की संख्या बढ़ाते हुए इसकी ताकत में इजाफा करने के लिए 12 सुखोई लड़ाकू फाइटर जेट हिन्दुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड से खरीदा जाएगा। रूस के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते के तहत एचएएल देश में ही सुखोई-30 का निर्माण करता है और मौजूदा समय में यह भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान है। 12 सुखोई विमानों की खरीद पर 10,730 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रॉफेल ही सुखोई से अगले जेनरेशन का फाइटर जेट होगा। जबकि 21 मिग-29 लड़ाकू विमान रुस से तत्काल खरीदा जाएगा।


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