दक्षिण कश्मीर में सक्रिय 125 आतंकियों को मार गिराने का लक्ष्य, युवाओं को गुमराह कर रहा पाकिस्तान
कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि पाक एक तरफ LAC के पार से हथियार भेज रहा है दूसरी तरफ सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर युवाओं को गुमराह कर रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने इस साल पहली जनवरी से अब तक 101 आतंकियों को मार गिराया है। इस दौरान 29 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं। अब सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में सक्रिय 25 दुर्दात विदेशी आतंकियों समेत 125 आतंकियों को मार गिराने के अभियानों को धार देनी शुरू कर दी है।
100 स्थानीय व 25 विदेशी आतंकियों को मार गिराने पर विशेष ध्यान
अवंतीपोर में कोर कमांडर ने कहा कि सक्रिय आतंकियों की सही संख्या की पुष्टि करना मुश्किल होता है, लेकिन हम इस समय दक्षिण कश्मीर में करीब 100 स्थानीय व 25 विदेशी आतंकियों को मार गिराने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इस साल मार्च के दौरान आतंकरोधी अभियानों में कुछ कमी देखी गई है, लेकिन अप्रैल के दौरान 29 आतंकी मारे गए। मई में 15 आतंकी मारे गए हैं।
बीएस राजू ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ लगातार सफलता का कारण सुरक्षा एजेंसियों में आपसी सहयोग और उनकी पेशेवर दक्षता ही है। टीआरएफ संबंधी सवाल के जवाब में कोर कमांडर ने कहा कि ऐसा कोई संगठन नहीं है। यह तो सोशल मीडिया पर चलने वाला एक कागजी संगठन है, जो वादी के भीतर किसी भी घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहता है। हम इसे नेस्तनाबूद करने की तैयारी कर रहे हैं। मेरे लिए यह तो लश्कर व जैश जैसे आतंकी संगठनों की एक परछाई है।
आतंकियों की घुसपैठ कराकर अफरा-तफरी का माहौल बनाए रखने का प्रयास
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि कश्मीर घाटी में लोगों ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर सकारात्मक रवैया अपनाया। यहां लंबे समय तक हालात सामान्य रहे। इसमें आम लोग पूरा सहयोग कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर नौजवानों को गुमराह कर और आतंकियों की घुसपैठ कराकर अफरा-तफरी का माहौल बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
कोर कमांडर शोपियां में हिजबुल मुजाहिदीन के चार आतंकियों के मारे जाने के बाद अवंतीपोरा स्थित विक्टर फोर्स मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ नियंत्रण रेखा के पार से हथियार भेज रहा है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों का इस्तेमाल कर युवाओं को गुमराह कर रहा है। हम आम जनता से उम्मीद करते हैं कि वह दुष्प्रचार का मुकाबला करने, कश्मीर को लेकर फैलाए जाने वाले भ्रम को दूर करने और लोगों को सही रास्ता दिखाने में मदद करेगी।