अच्छे मानसून की उम्मीद को लेकर कृषि को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा
कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष 2018-19 में रिकॉर्ड 28.4 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अच्छे मानसून की उम्मीद को देखते हुए कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष 2018-19 में रिकॉर्ड 28.4 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके मद्देनजर खरीफ सीजन के तैयारी सम्मेलन में सभी राज्यों को पहले से तैयार रहने को कहा गया है। सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्यों से कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान का पूरा फायदा उठाते हुए खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
-दो मई को सभी ब्लॉकों पर होगी किसान कल्याण कार्यशाला
सिंह ने कहा कि देश के सभी राज्यों के ब्लॉकों में दो मई को किसान कल्याण कार्यशाला का आयोजन जरूर करें। इसमें कृषि प्रसार के अधिकारी व कर्मचारी तो होंगे ही, साथ में स्थानीय प्रतिनिधियों को भी इसमें बुलायें। इसमें ब्लाक के उन सभी सफल किसानों को आमंत्रित करें और उनकी उपलब्धियां उन्हीं जुबानी सबको सुनवाई जाए। तथ्य यह है कि ऐसा प्रयोग उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी सीजन में किसान पाठशाला नाम से शुरु की थी। अब इसी प्रयोग को देशव्यापी बनाया जा रहा है।
फसल वर्ष 2017-18 में कुल 27.7 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी, जो अब तक की सर्वाधिक है। लगातार दो सालों से कृषि की बंपर पैदावार होने से कृषि उत्पादों के मूल्य में गिरावट का रुख बना हुआ है, जिसे लेकर किसानों की वित्तीय हालत खराब हुई है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सम्मेलन में कहा कि किसानों की हालत में सुधार के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष के आम बजट में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खेती की लागत का डेढ़ गुना करने का प्रावधान किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार जल्दी ही एक ऐसी योजना की घोषणा करने वाली है, जिससे सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल सकेगा।
सम्मेलन में केंद्र सरकार की ओर से कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ने खेती के बारे में सरकार की तैयारियों और लक्ष्य का संक्षिप्त ब्यौरा पेश किया। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में 14.12 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि रबी सीजन में 14.3 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का अनुमान है। दो दिवसीय सम्मेलन में इसी हिसाब से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार फसल वर्ष 2018-19 में कुल पैदावार में 62 लाख टन की बढ़ोतरी करनी होगी। इसमें 29 लाख टन गेहूं, 20 लाख टन चावल और 13 लाख टन मोटे अनाज की पैदावार बढ़ानी होगी। चावल की की पैदावार का लक्ष्य 11.3 करोड़ टन अनुमानित है। गेहूं की पैदावार का लक्ष्य 10 करोड़ टन रखा गया है। जबकि मोटे अनाज की पैदावार 4.67 करोड़ टन करना है।
कृषि आयुक्त मल्होत्रा ने बताया कि दालों की पैदावार 2.4 करोड़ टन किया जाएगा, जो पिछले साल से मामूली रूप से अधिक होगी। गैर खाद्यान्न फसलों में तिलहन की पैदावार 3.6 करोड़ टन होने का अनुमान है। जबकि गन्ने की पैदावार 35.5 करोड़ टन होगी, जो पिछले साल के बराबर ही है।
अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भारतीय मौसम विभाग ने मानसून के बारे में पूर्वानुमान जारी किया था, जिसके मुताबिक चालू सीजन में मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। घरेलू खेती का 50 फीसद हिस्सा मानसून की बारिश पर ही निर्भर होता है।