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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आज, लग सकती है तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब इस पर चर्चा करने के लिए संसद के आगामी सत्र की तारीख तय हो गई है। प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कृषि मंत्रालय आगामी शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए तारीखों पर विचार कर रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 07:46 AM (IST)
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आज, लग सकती है तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर
तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर आगामी संसद सत्र में चर्चा को लेकर तारीख हुई तय!

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के अपने वादे को जल्द से पूरा करने के लिए तैयार हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर बैठक होने वाली है। केंद्रीय संसदीय कार्य प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि कृषि मंत्रालय संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए तारीखों पर विचार कर रहा है।

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सूत्रों ने बताया कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए इस बैठक में विधेयक लाया जा सकता है। कहा जाता है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ परामर्श करने के बाद इस विधेयक को अंतिम रूप दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहले लोकसभा में कृषि कानूनों को वापस लेने वाले विधेयक पेश कर सकते हैं। प्रहलाद जोशी ने बताया कि कानूनों को वापस लेने के विधेयकों को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है

इस विधेयक का उद्देश्य पिछले साल कानून में पारित तीन विधेयकों को वापस लेना है। 19 नवंबर, 2021 को पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की थी। इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने जमकर जश्न मनाया। राष्ट्र के नाम एक संबोधन में पीएम मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करते हुए देश से माफी मांगी थी। आपको बता दें कि तीनों कानूनों के खिलाफ मुख्य रूप से पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे हैं। पीएम ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन करेगी। केंद्र द्वारा 2020 में कानून पारित किए जाने के बाद से किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।


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