मिशेल को भारत लाने के लिए एजेंसियों ने कमर कसी
विजय माल्या को ब्रिटेन से वापस लाने के कूटनीति प्रयास विफल होने के बाद क्रिश्चियन मिशेल के यूएई से लाना विदेश मंत्रालय के लिए बड़ी चुनौती होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विजय माल्या को ब्रिटेन से वापस लाने के कूटनीति प्रयास विफल होने के बाद क्रिश्चियन मिशेल के यूएई से लाना विदेश मंत्रालय के लिए बड़ी चुनौती होगी। प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही विदेश मंत्रालय को हेलीकाप्टर घोटाले के आरोपी मिशेल को वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने की कहेगी। इसके लिए एजेंसियां यूएई में मिशेल के ठिकाने का पता लगाने में जुट गई हैं।
अगस्ता वेस्टलैंड: नकद में पहुंची थी असली आरोपियों तक दलाली की रकम!
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाप्टर खरीद घोटाले के असली गुनहगारों तक पहुंचने के लिए मिशेल असली कड़ी है। दलाली की रकम का बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच बंटवारा उसी ने किया था। वैसे तो मिशेल के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी है। इसके बावजूद उसे पकड़ा नहीं जा सका है। लेकिन यह साफ हो गया है कि भारतीय चैनलों और अखबारों में साक्षात्कार दे रहा मिशेल यूएई के दुबई में कहीं छिपा हुआ है। एजेंसियां उसके असली लोकेशन का पता लगाने में जुटी हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक बार मिशेल का लोकेशन मिल जाने के बाद विदेश मंत्रालय को यूएई पर उसे गिरफ्तार करने और उसे भारत भेजने के लिए कूटनीतिक दबाव बनाने के लिए कहा जाएगा। ईडी के अधिकारियों का मानना है कि माल्या के रूतबे के कारण ब्रिटेन भले ही उसे वापस भेजने से इनकार कर दिया हो, लेकिन मिशेल का वैसा रूतबा न तो ब्रिटेन में है और न ही यूएई में। वहीं भारत में वांछित अपराधियों को सौंपने का यूएई का रिकार्ड काफी अच्छा रहा है। बड़ी बात यह है कि ब्रिटेन की तरह यूएई प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया में नहीं उलझना चाहता है और वह वांछित अपराधी को सीधे भारत भेजता रहा है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मिशेल का साक्षात्कार लेने वाले पत्रकारों के पास उसके खिलाफ सबूत नहीं हैं। एजेंसियों के हाथ में आने के बाद उसे सबूतों के आधार पर पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मिशेल के दिल्ली के संपर्को का सारा कच्चा-चिट्ठा खुल चुका है और उसे इसका जबाव देना होगा। मिशेल के दावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर अपराधी अपने बचाव के लिए दलील देता है, लेकिन कानून के सामने सिर्फ सबूत चलता है न की दलील। मिशेल को भारतीय एजेंसियों के सवालों का सामना करना होगा और घोटाले के बारे में सच्चाई बतानी ही होगी।