अब उम्र नहीं आएगी आपकी सेहत के बीच में, किसी भी उम्र में शुरू कर सकते हैं व्यायाम
आप किसी भी उम्र में अच्छी सेहत की तैयारी शुरू कर एथलीटों की तरह फिट होने के साथ ही गठीला शरीर भी बना सकते हैं।
वाशिंगटन एजेंसी। कहा जाता है कि कुछ भी अच्छा और नया करने के लिए उम्र की फिक्र नहीं करनी चाहिए। सेहत के मामले में भी ऐसा ही है। आप किसी भी उम्र में अच्छी सेहत की तैयारी शुरू कर एथलीटों की तरह फिट होने के साथ ही गठीला शरीर भी बना सकते हैं। महिलाएं व पुरुष यदि पचास की उम्र में भी दौड़ना व कठोर व्यायाम शुरू करें तो भी कुछ वर्ष के भीतर ही उन लोगों जैसी फिटनेस पा सकते हैं जो कई वर्षो से कड़ा शारीरिक प्रशिक्षण ले रहे हैं। उम्रदराज एथलीटों की शारीरिक क्षमता व प्रदर्शन को लेकर हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
एथलीट 80 व 90 की उम्र में भी रहते हैं स्वस्थ
कम उम्र में ही कठोर व्यायाम शुरू करने व दशकों तक उसे जारी रखने वाले लोग व एथलीट 60 तो क्या 80 व 90 की उम्र में भी स्वस्थ रहते हैं। अन्य लोगों के मुकाबले उनकी मांसपेशियां अधिक मजबूत व हृदय स्वस्थ रहता है। उनमें मोटापे की समस्या भी ना के बराबर ही देखने को मिलती हैं। इस संबंध में पूर्व में कई शोध भी हो चुके हैं। हालांकि, किसी शोध में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि 45 से 50 की उम्र में पसीना बहाने वाले, कसरत शुरू करने और कई किलोमीटर दौड़ने वाले लोगों के शरीर पर क्या असर पड़ता है।
अध्ययन में जुटाए गए 150 उम्रदराज एथलीट के स्वास्थ्य के आंकड़े
स्वास्थ्य पर कसरत व प्रशिक्षण शुरू करने के समय का असर पता करने के लिए इंग्लैंड स्थित मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जैमी मैकफी ने शोध किया। शोध में धावकों को शामिल किया गया था। अध्ययन शुरू होने के वक्त उन सभी की उम्र 60 या उससे कुछ अधिक थी। पहले उनके सेहत से जुड़े आंकड़े जुटाए गए। यह भी पता लगाया गया कि उन्होंने किस उम्र से कसरत व दौड़ना शुरू किया था। प्रशिक्षण शुरू करने की उम्र के आधार पर 150 धावकों को दो समूह में बांट दिया गया। इनमें से एक समूह ने 20 या उससे भी कम उम्र में कसरत व दौड़ना शुरू कर दिया था। वहीं दूसरे समूह में वो लोग थे जिन्होंने पचास की उम्र के बाद कठोर व्यायाम शुरू किया। अध्ययन के दौरान उन्हें कुछ मीटर की दौड़ भी पूरी करनी थी।
दौड़ पूरा करने के समय में नहीं था अंतर
वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों ही समूह के प्रतिभागियों ने बेहद मामूली अंतर से ही दौड़ का लक्ष्य पूरा कर लिया था। सामान्य लोगों के मुकाबले दोनों ही समूह के प्रतिभागियों में मांसपेशियां 12 फीसद अधिक मजबूत थीं। इसके अलावा दोनों के शरीर में बॉडी फैट (चर्बी) 17 फीसद कम थी।
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