छत्तीसगढ़ में फोर्स पर आरोप, मुठभेड़ के बाद फूंके 16 ग्रामीणों के मकान
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों पर आरोप लगा है कि चिन्नाबोडकेल में मुठभेड़ के बाद वापसी के दौरान जवानों ने ही 16 मकानों को आग के हवाले कर दिया।
नईदुनिया, बीजापुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा 13 से 15 मई तक नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अब तक के सबसे बड़े अभियान के दौरान बीजापुर की सीमा पर बसे सुकमा जिले के रायगुडा गांव के 16 मकान आग के हवाले कर दिए गए। इसमें मकान के साथ ही राशन व अन्य सामान भी खाक हो गए हैं। भरी गर्मी में सिर से छत छिन जाने से नौ परिवारों के 30 लोग बेघर हो गए हैं, जो एक ही जाति के हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि 14 मई रविवार को सुबह पास के गांव चिन्नाबोडकेल में मुठभेड़ के बाद वापसी के दौरान जवानों ने ही मकानों को आग लगाई। वहीं दूसरी ओर इस मामले में सुकमा के दो जवानों ने गुरुवार को इस आगजनी के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराते हुए चिंतलनार थाने में एफआइआर दर्ज कराई है।
डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा जवानों ने नक्सलियों के आरामगाह माने जाने वाले सुकमा के इलाके में 96 घंटे का महाभियान चलाया था। इस दौरान रायगुडा के 16 मकानों को आग लगा देने की घटना की पड़ताल के लिए 18 मई को 90 किमी की दूरी तय कर नईदुनिया टीम रायगुडा पहुंची। इस दौरान भी जले हुए मकानों से धुआं उठ रहा था। पत्रकार के पहुंचने की खबर मिलते ही पूरा गांव जुट गया। ग्राम पटेल माडवी मुत्ता ने बताया कि 14 मई को पास के गांव चिन्नाबोडकेल के पास नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी।
दोपहर करीब दो बजे जवानों की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों को खदेड़ दिया। ढाई से चार बजे के बीच जवानों ने गांव में रहने वाले दोरला जाति के सोढ़ी धर्मा, सोढ़ी जोगा, वेट्टी भीमा, सोढ़ी कन्ना, माडवी मुत्ता, माडवी नरसा, माडवी गणेश, माडवी सरेस व सोढ़ी चिलका सहित नौ परिवारों के 16 मकानों को आग के हवाले कर दिया। इनमें एक मकान खपरैल छत वाला था जबकि 15 घास के छत वाले। आगजनी में घर के साथ अनाज, धान, बर्तन, वनोपज सबकुछ जलकर खाक हो गए।
पीडि़तों के घर बनाने में जुटे चार गांव के तीन सौ ग्रामीण
गांव के युवा सोढ़ी गंगा ने बताया कि आगजनी की घटना के बाद रायगुडा, चिन्नाबोडकेल, जब्बागट्टा और अन्य गांव के ग्रामीणों की बैठक हुई, जिसमें नई जगह पर सभी प्रभावितों को नया मकान बनाकर देने का निर्णय लिया गया। मंगलवार से चारों गांव के करीब तीन सौ बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग सभी मिलकर घर बनाने में जुटे हुए हैं। तीन-चार दिन में मकान बनाकर सौंप दिया जाएगा।
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