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केरल के बाढ़ में डूबने के बाद भी लगातार तीसरे माह अगस्त में कमजोर रहा मानसून

मौसम विभाग के महानिदेशक ने बताया कि आंकड़े भले ही सामान्य से कम बारिश की तरफ इशारा कर रहे हैं, लेकिन पूरे देश के संदर्भ में बात करें यह अच्छी रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:14 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:14 AM (IST)
केरल के बाढ़ में डूबने के बाद भी लगातार तीसरे माह अगस्त में कमजोर रहा मानसून
केरल के बाढ़ में डूबने के बाद भी लगातार तीसरे माह अगस्त में कमजोर रहा मानसून

नई दिल्ली, प्रेट्र  मानसून में लगातार तीसरे माह सबसे कम बारिश (92 फीसद) रिकार्ड की गई है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जून में 95 फीसद तो जुलाई में 94 फीसद बारिश दर्ज की गई थी। यह हालत तब है जब अगस्त के महीने में केरल का अधिकांश भाग बाढ़ में जहां डूबा रहा वहीं कई अन्य राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। 
मौसम विभाग के महानिदेशक ने बताया कि आंकड़े भले ही सामान्य से कम बारिश की तरफ इशारा कर रहे हैं, लेकिन पूरे देश के संदर्भ में बात करें यह अच्छी रही है। सिर्फ अगस्त की बात करें तो सामान्य तौर पर 261.3 मिमी बारिश के मुकाबले 241.4 मिमी बारिश हुई। उन्होंने कहा कि मानसून के कमजोर आंकड़ों की बड़ी वजह पूर्व और पूर्वाेत्तर भारत में कम हुई बारिश है। यहां सामान्य से 24 फीसद कम बारिश हुई। 

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आधिकारिक रूप से दक्षिण पश्चिम मानसून जून से सितंबर तक रहता है। 15 सितंबर से यह राजस्थान से विदा लेना शुरू कर देता और फिर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। संयोग से इस बार अगस्त में केरल का एक बड़ा भाग पानी से लबालब रहा। 
विभाग के मुताबिक केरल में जहां अत्यधिक भारी बारिश हुई वहीं तटीय कर्नाटक, दक्षिण कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। दूसरी तरफ लक्षद्वीप, पूर्व मध्य प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पूर्व राजस्थान, पश्चिमी राजस्थान पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों सहित चंडीगढ़ और दिल्ली में बादल कम बरसे।


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