SC की फटकार के बाद पर्यावरण मंत्रालय में ताबड़तोड़ बैठकें, प्रदूषण में कमी के लिए जरूरी उपायों पर चर्चा
प्रदूषण को लेकर मंत्रालय में बैठकों का सिलसिला गुरुवार देर रात तक चलाा। इस क्रम में एक अहम बैठक मंत्रालय के आला अधिकारियों के बीच हुई। बाद में वायु गुणवत्ता आयोग के साथ अलग से भी एक बैठक हुई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और 24 घंटे के भीतर इससे निपटने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में गुरुवार को दिनभर काफी गहमागहमी रही और बैठकों का दौर चला। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी आला अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर एक अहम बैठक की। साथ ही अधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में वायु गुणवत्ता आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे।
मंत्रालय में बैठकों की यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इस बीच एक अहम बैठक मंत्रालय के आला अधिकारियों के बीच हुई। बाद में वायु गुणवत्ता आयोग के साथ अलग से भी एक बैठक हुई। इस दौरान बढ़े वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए सभी जरूरी उपायों पर चर्चा हुई। फिलहाल मौजूदा समय में बढ़े प्रदूषण में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी उद्योग और वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं की है। ऐसे में माना जा रहा है कि आयोग की ओर से उद्योगों और वाहनों को लेकर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में वायु गुणवत्ता आयोग उन तथ्यों को सामने रख सकता है, जिसकी जवाबदेही दिल्ली सरकार की थी और जो उन्होंने ठीक ढंग से नहीं किया।
दिल्ली एनसीआर में लगातार खतरनाक स्तर पर चल रहे वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तो नाराजगी जताई ही है, संसदीय समिति ने भी सभी संबंधित राज्यों को आड़े हाथों लिया है। पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय इस समिति ने बुधवार को ही लोकसभा और राज्यसभा में अपनी 35 पृष्ठों की ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश की है। इसमें प्रदूषण से जंग में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं पंजाब की लापरवाही गिनाने के साथ-साथ अनेक सिफारिशें भी की गई हैं