छत्तीसगढ़: नक्सलियों के इस फरमान के बाद दो परिवारों को छोड़ना पड़ा अपना गांव
बस्तर क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख अब नक्सली पूरी तरह बैकफुट पर आ गए हैं। ऐसे में वे अपनी बौखलहाट मिटाने के लिए गलत नीतियां अपना रहे हैं।
सुकमा, जेएनएन। बस्तर क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख अब नक्सली पूरी तरह बैकफुट पर आ गए हैं। ऐसे में वे अपनी बौखलहाट मिटाने के लिए गलत नीतियां अपना रहे हैं। सीधी लड़ाई में मैदान छोड़कर भागने वाले नक्सली गांवों में कमजोर आदिवासियों का अपना निशाना बना रहे हैं और इस तरह दहशत कायम करने की खोखली कोशिश में जुटे हैं। ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर कहकर मौत के घाट उतारने वाले नक्सली अब ग्रामीणों को परिवार सहित गांवों से बेदखल कर रहे हैं। सुकमा जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें नक्सलियों ने दो परिवारों के खिलाफ फरमान जारी करते हुए उन्हें गांव से बाहर कर दिया है। गांव में लौट कर आने पर पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने की धमकी नक्सलियों ने दी है।
सुकमा जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के पालामड़गु गांव में बीती रात बड़ी संख्या में पहुंचे सशस्त्र नक्सलियों ने दो परिवारों को गांव छोड़ कर तुरंत चले जाने का फरमान सुनाया। इसके बाद पूरे परिवार को रातों- रात गांव छोड़कर बच्चों सहित दूसरे गांव जाकर वहां पुलिस कैंप में शरण लेनी पड़ी। नक्सलियों ने यह फरमान रात को एक जन अदालत लगाकर सुनाया। नक्सलियों द्वारा गांव में आने और इस तरह के कृत्य से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने के लिए आगे आई है।
बताया गया है कि नक्सलियों द्वारा निकाले गए परिवारों में से एक परिवार पुलिस जवान का है, नक्सलियों ने पुलिस के जवान पर ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए गांव से निकल जाने का फरमान सुनाया है। वहीं दूसरे परिवार पर नक्सलियों ने पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया है। दोनों परिवारों के 4 बच्चों समेत 12 सदस्यों ने गांव छोड़ कर पोलमपल्ली में शरण लिए हुए हैं।