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26/11 हमला : तटरक्षक बलों ने 300 तटीय सुरक्षा अभ्यास किए, आतंकी खतरे से निपटने में हासिल की दक्षता

भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) के महानिदेशक के नटराजन ने गुरुवार को कहा कि 26/11 को हुए मुंबई आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ 300 से अधिक तटीय सुरक्षा अभ्यास किए गए।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:37 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:37 PM (IST)
26/11 हमला : तटरक्षक बलों ने 300 तटीय सुरक्षा अभ्यास किए, आतंकी खतरे से निपटने में हासिल की दक्षता
हर छह महीने में आइसीजी किसी तटीय राज्य के साथ करता है सुरक्षा अभ्यास। (फोटो-एएनआइ)

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) के महानिदेशक के नटराजन ने गुरुवार को कहा कि 26/11 को हुए मुंबई आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ 300 से अधिक तटीय सुरक्षा अभ्यास किए गए।उन्होंने आतंकी हमले की 13वीं बरसी से एक दिन पहले कहा कि हर छह महीने में आइसीजी तटीय राज्यों में से एक के साथ ऐसा ही सुरक्षा अभ्यास करता है।

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उन्होंने यहां राष्ट्रीय नौवहन खोज एवं बचाव बोर्ड की 19वीं बैठक से इतर पत्रकारों से कहा, 26/11 के बाद भारत सरकार ने कई सुधार किए। हमने तटीय राज्यों के साथ मिलकर 300 से अधिक तटीय सुरक्षा अभ्यास और अभियान चलाए हैं।नटराजन ने कहा कि कई बार हम दो तटीय राज्यों को एक साथ लाकर अभ्यास कर लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप हर किसी ने आतंकी खतरे से निपटने के लिए कौशल और दक्षता हासिल कर ली है।

26 नवंबर, 2008 को हुआ था हमला

26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकी समुद्र मार्ग से मुंबई पहुंचे। उन्होंने कई स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मी समेत 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

आपदा के दौरान राहत कार्य की योजना में तेजी लाएं तटीय राज्य

आइसीजी महानिदेशक के नटराजन ने गुरुवार को कहा कि कुछ तटीय राज्यों द्वारा अब भी आपदा से निपटने के लिए राहत कार्य की योजना को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। उन्होंने इसे तुरंत अंतिम रूप देने की जरूरत पर बल दिया। राष्ट्रीय नौवहन खोज एवं बचाव बोर्ड की 19वीं बैठक में नटराजन ने कहा कि बोर्ड की 16वीं बैठक में फैसला किया गया था कि सभी तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आपदा के दौरान बड़े पैमाने पर बचाव कार्य की स्थानीय स्तर पर योजना बनाएंगे। हालांकि कुछ राज्यों द्वारा अब भी योजना को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।


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