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ब्रिकवर्क ने टाटा स्टील की रेटिंग घटाई

टाटा संस से बतौर चेयरमैन साइरस मिस्त्री की विदाई के बाद रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क ने टाटा स्टील के 6500 करोड़ रुपये के नॉन कनवर्टीबल डिबेंचर (एनसीडी) की रेटिंग घटा दी है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 31 Oct 2016 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2016 06:58 AM (IST)
ब्रिकवर्क ने टाटा स्टील की रेटिंग घटाई

नई दिल्ली, प्रेट्र। टाटा संस से बतौर चेयरमैन साइरस मिस्त्री की विदाई के बाद रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क ने टाटा स्टील के 6500 करोड़ रुपये के नॉन कनवर्टीबल डिबेंचर (एनसीडी) की रेटिंग घटा दी है। ब्रिकवर्क ने कहा है कि मिस्त्री को हटाने से कंपनी पर प्रबंधन संबंधी जोखिम बढ़ गया है।

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ब्रिकवर्क ने एनसीडी का आउटलुक निगेटिव कर दिया है। हालांकि संशोधित रेटिंग में कर्ज की ब्याज अदायगी के संबंध में कंपनी की हाई डिग्री सेफ्टी का दर्जा बरकरार रखा है। टाटा स्टील ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि कंपनी के 4000 करोड़ रुपये के अनसिक्योर्ड एनसीडी इश्यू के लिए ब्रिकवर्क की संशोधित रेटिंग अब निगेटिव आउटलुक के साथ बीडब्ल्यूआर एए है। जबकि अभी तक रेटिंग बीडब्ल्यूआर एए प्लस के साथ आउटलुक स्टेबल था।

कंपनी के अनुसार उसके 2500 करोड़ रुपये के अनसिक्योर्ड सबोर्डिनेटेड परपीचुअल डेट इश्यू के लिए रेटिंग बीडब्ल्यूआर एए (आउटलुक स्टेबल) से घटकर बीडब्ल्यूआर एए माइनस (आउटलुक निगेटिव) रह गई है। ब्रिकवर्क ने कहा कि प्रबंधकीय जोखिम बढ़ने और समूह के स्तर पर प्रबंधकीय स्पष्टता के अभाव में टाटा स्टील की रेटिंग घटाने का फैसला किया गया है।

टाटा स्टील का कुल कर्ज जून तिमाही में बढ़कर 85,475 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले साल समान अवधि में 81,975 करोड़ रुपये था। टाटा स्टील और उसकी सहायक कंपनी टाटा स्टील ग्लोबल की खरीद बढ़ने से कर्ज में इजाफा हुआ है। कंपनी का शुद्ध कर्ज इस दौरान 4171 करोड़ बढ़कर 75,259 करोड़ रुपये हो गया।

फर्जी भुगतान के मामले की जांच जारी- एयर एशिया

साइरस मिस्त्री द्वारा लगाये गए आरोपों पर एयर एशिया इंडिया ने कहा है कि अनियमित व्यक्तिगत व्यय दावों और अन्य आरोपों के लिए कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। मिस्त्री ने एयर एशिया इंडिया में 22 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान का आरोप लगाया था।

एयर एशिया इडिया संयुक्त उपक्रम है इसमें टाटा ग्रुप के पास 51 फीसद और मलेशियाई की एयर एशिया बरहाद के पास 49 फीसद हिस्सेदारी है। एयरलाइन ने एक बयान में कहा है कि एयर एशिया इंडिया में कुछ पूर्व अधिकारियों को गलत तरीके से हुए भुगतान होने और दूसरे आरोपों की पहले से ही जानकारी मिली है और इस पर निदेशक मंडल में चर्चा भी हुई है। इस पूरे मामले की जांच हो रही है।

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