देशभर के स्कूलों में मार्च के बाद नहीं रहेंगे एक भी अप्रशिक्षित शिक्षक
देश भर के स्कूलों में पढ़ा रहे ऐसे करीब 13 लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण का काम 15 मार्च को पूरा हो रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव में उतरने से पहले सरकार का स्कूलों को अप्रशिक्षित शिक्षकों से मुक्त बनाने का एक बड़ा सपना साकार हो जाएगा। देश भर के स्कूलों में पढ़ा रहे ऐसे करीब 13 लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण का काम 15 मार्च को पूरा हो रहा है। जो तय समय से करीब दो हफ्ते पहले पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही स्कूलों के माथे से अप्रशिक्षित शिक्षकों के पढ़ाने का वह दाग भी मिट जाएगा, जिसे खत्म करने के लिए देश में पिछले दस सालों से मशक्कत की जा रही थी।
दरअसल, निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत स्कूलों की गुणवत्ता को मजबूती देने के लिए इनमें पढ़ा रहे सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था। यूपीए सरकार ने इसके लिए 2015 तक का समय नियत भी कर रखा था। बावजूद इसके उस समय तक देश में 13 लाख से ज्यादा ऐसे शिक्षक मौजूद थे, जो स्कूलों में बगैर किसी प्रशिक्षण के ही पढ़ा रहे थे।
आखिर में मोदी सरकार ने इस काम को पूरा करने का वीणा उठाया। इसके तहत 31 मार्च 2019 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। जिसे अब यह सरकार तय लक्ष्य से 15 दिन पहले ही पूरा करने जा रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ( एनआईओएस) के मुताबिक अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण का यह काम अंतिम चरण में है। 15 मार्च तक इसकी परीक्षाएं पूरी हो जाएगी। खासबात यह है कि जिन 13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उनमें सबसे ज्यादा प्राथमिक स्कूलों के है। हालांकि इसमें आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाने वाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को शामिल किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों के पढ़ाने के स्तर में भी काफी सुधार आएगा, क्योंकि इन शिक्षकों को पढ़ाने के नए-नए तरीके साथ तकनीकी ज्ञान भी प्रशिक्षण के दौरान किया गया है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की यह योजना 2017 में बनाई थी। इस दौरान सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले ऐसे सभी शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे।