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महाराष्ट्र के बाद मप्र भी पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार

महाराष्ट्र के बाद मप्र में भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की हो रही तैयारी।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 10:33 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 02:39 PM (IST)
महाराष्ट्र के बाद मप्र भी पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार
महाराष्ट्र के बाद मप्र भी पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को तैयार

भोपाल (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सहमत हो गया है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सबसे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करने के लिए इस पर जीएसटी लगाने की वकालत की थी। इसके बाद अब मप्र भी इस विकल्प पर तैयार हो गया है। हालांकि इसके लिए सभी राज्यों की सहमति की जरूरत है।

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नईदुनिया से बातचीत में वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव आता है तो हम तैयार हैं। लेकिन, जीएसटी काउंसिल को ही यह काम करना है, राज्य अपनी सहमति दे सकता है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दामों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। इससे पूरे देश में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बहस चल रही है।

सरकार के राजस्व पर आएगा संकट
पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगाने में सबसे बड़ी बाधा सरकार के राजस्व में आने वाली कमी है। अधिकारियों के मुताबिक यदि पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगता है तो केंद्र और राज्य सरकार के राजस्व में काफी कमी आ जाएगी। इसका हल खोजे बिना पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना मुश्किल है।

पेट्रोल पर 41 रूपए टैक्स पेट्रोल: केंद्र सरकार 19.48 रूपए एक्साइज ड्यूटी लेती है। राज्य सरकार तीन तरह के टैक्स वसूलती है। 28 प्रतिशत वैट, एक प्रतिशत सैस और 4 रूपए प्रति लीटर एडिशनल टैक्स। लगभग कुल 21 रूपए 50 पैसे प्रति लीटर। इस तरह दोनों सरकारें 41 रूपए 69 पैसे एक लीटर पेट्रोल से टैक्स वसूलती हैं।

डीजल पर 32 रूपए टैक्स डीजल: केंद्र 15.33 रूपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लेता है। मप्र 22 प्रतिशत वैट और एक प्रतिशत सेस के साथ 15 रूपए 97 पैसे टैक्स लेती है। दोनों सरकार लगभग 31 रूपए 98 पैसे टैक्स वसूलती हैं।

यदि जीएसटी लागू कर दें तो..
पेट्रोल-डीजल को यदि जीएसटी के दायरे में ले आएं तो ईधन की कीमत में भारी कटौती हो सकती है। जीएसटी की अधिकतम दर 28 प्रतिशत है। यदि पेट्रोल-डीजल पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया जाए तो पेट्रोल-डीजल की कीमत 50 रूपए के आसपास आ जाएगी।


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