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दुष्कर्म के बाद नाबालिग को जलाकर मार डालने पर फांसी

पुलिस ने दोनों आरोपितों पर अपराध दर्ज कर 28 दिसंबर को न्यायालय में चालान पेश कर दिया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 10:48 PM (IST)
दुष्कर्म के बाद नाबालिग को जलाकर मार डालने पर फांसी
दुष्कर्म के बाद नाबालिग को जलाकर मार डालने पर फांसी

सागर, नईदुनिया न्यूज। देवल गांव में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या में न्यायालय ने को दो अलग-अलग धाराओं में फांसी की सजा सुनाई है। एक अन्य नाबालिग आरोपित का प्रकरण किशोर न्यायालय में चल रहा है। घटना के चौदह दिन बाद पुलिस ने चालान पेश कर दिया था और आठ माह में न्यायालय ने सजा सुना दी। जिले में पिछले दो माह में फांसी की चौथी सजा है।

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भानगढ़ थाना अंतर्गत देवल गांव में 7 दिसंबर 2017 को रब्बू उर्फ सर्वेश सेन (22) व एक अन्य नाबालिग ने कक्षा 9वीं की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। छात्रा ने शिकायत की बात की तो उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। इससे 14 दिसंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों पर अपराध दर्ज कर 28 दिसंबर को न्यायालय में चालान पेश कर दिया था। अपर सत्र न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने कहा आरोपितों ने जानबूझकर घटना को अंजाम दिया। जब पीड़िता ने शिकायत की बात कही तो उसे जला दिया। न्यायाधीश ने फैसले में लिखा किया है कि जब मृत्यु पूर्व कथन के दौरान पीड़िता से पूछा गया कि क्या चाहती हो तो उसने आरोपितों के लिए फांसी की सजा मांगी थी।

रामचरितमानस और क्राइम ऑफ इंडिया का किया जिक्र न्यायाधीश ने निर्णय में रामचरित मानस की चौपाई, जस जस सुरसा बदन बढ़ावा, तासु दून कपि रूप दिखावा का जिक्र किया और कहा कि जैसे-जैसे अपराध बढ़ेंगे, वैसे-वैसे इनकी रोकथाम के लिए दंड में कठोरता बरतनी होगी। न्यायाधीश ने क्राइम ऑफ इंडिया के आंकड़ों का भी हवाला दिया। जिसमें बताया कि यौन शोषषण संबंधित सर्वाधिक मामले मप्र में दर्ज हुए हैं। दो धाराओं में मृत्युदंड, एक में आजीवन कारावास अपर लोक अभियोजक एमडी अवस्थी ने बताया कि न्यायालय ने आरोपित रब्बू सेन को धारा 376 ए तथा धारा 302 में मृत्युदंड दिया है।

धारा 376डी में आजीवन कारावास तथा धारा 450 में सश्रम कारावास की सजा सुनाई है
इससे पहले जिले में तीन दोषियों को सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा इससे पहले रहली में अपर सत्र न्यायाधीश ने 14 अगस्त को एक रेप के एक मामले में केवल छह दिन सुनवाई की और अपराध के मात्र 27 दिन बाद फैसला सुनाया है। इस मामले में 10 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी नरेश परिहार (40) निवासी मुहली को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले भी रहली में ही 8 जुलाई को 9 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के आरोपित 40 वर्षीय भग्गी उर्फ नारायण उर्फ भगीरथ पटेल निवासी खमरिया को रहली कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।

यह फैसला मात्र 46 दिनों में आया था। वहीं खुरई कोर्ट ने 9 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में 19 जून को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुमन श्रीवास्तव ने आरोपी सुनील आदिवासी को फांसी की सजा सुनाई थी। आरोपी ने 13 अप्रैल 2017 को उजनेट गांव में एक खेत में दुष्कर्म के बाद नाबालिग को मार डाला था और शव को बोरी में बंद कर दिया था।


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