अब झारखंड में दस्तक देगा 'आप'
रांची,(प्रदीप सिंह)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्र्रेस-भाजपा को सांसत में डालने वाला आप अब दिल्ली की हद से बाहर निकलेगा। अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव होना है। इससे पूर्व लोकसभा का चुनाव होगा। झारखंड में लोकसभा चुनाव के गठबंधन की तस्वीर स्पष्ट है और इसमें बहुत ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश नहीं दिखती।
रांची,(प्रदीप सिंह)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्र्रेस-भाजपा को सांसत में डालने वाला आप अब दिल्ली की हद से बाहर निकलेगा। अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव होना है। इससे पूर्व लोकसभा का चुनाव होगा। झारखंड में लोकसभा चुनाव के गठबंधन की तस्वीर स्पष्ट है और इसमें बहुत ज्यादा फेरबदल की गुंजाइश नहीं दिखती। सत्ताधारी झामुमो का कांग्र्रेस से पहले ही तालमेल तय है। इस गठबंधन में देर-सवेर राजद भी शामिल होगा।
उधर,भाजपा अकेले चुनावी समर में उतरेगा। बिहार में जदयू से तकरार के बाद यहां गठबंधन की गुंजाइश नहीं के बराबर है। ऐसे में हाशिए पर चल रहे नेताओं की बांछे खिल गई है। अलग झारखंड राच्य आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार सूर्य सिंह बेसरा दिल्ली के नतीजे से रोमांचित हैं। बेसरा आजसू के संस्थापक नेताओं में रहे और अलग राच्य के गठन के लिए प्रेशर बनाने के लिए उन्होंने बिहार विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन झारखंड गठन के बाद वे कभी चुनावों में सफलता का मुंह नहीं देख पाए। फिलहाल वे कोलकाता स्थित शांति निकेतन में संताली में अनुवादित हरिवंश राय बच्चन के मधुशाला को अंतिम रूप देने में लगे हैं। बेसरा जल्द ही दिल्ली रवाना होंगे।
उनका पूर्व से आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल से संपर्क रहा है। दिल्ली जाकर वे आर्ग्रह करेंगे कि केजरीवाल अपने संगठन का विस्तार झारखंड में करें। यहां तमाम पार्टियों को जहां जनता ने देखा है वहीं चंद नेताओं की करतूत पूरी दुनिया ने देखी है। ऐसी स्थिति में तीसरी ताकत के उभरने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। इंडिया अगेंस्ट करप्शन और सूचना अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ता आप को आगे बढ़ाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
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