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गाय की मौत पर पूरे परिवार का बहिष्कार, पंचायत ने सुनाया ये फरमान

ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से गाय की मौत होने पर पूरे परिवार का गांव से बहिष्कार कर दिया गया।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 09:55 AM (IST)
गाय की मौत पर पूरे परिवार का बहिष्कार, पंचायत ने सुनाया ये फरमान
गाय की मौत पर पूरे परिवार का बहिष्कार, पंचायत ने सुनाया ये फरमान

हरिओम गौड़, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के बरगवां में ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से गाय की मौत होने पर पूरे परिवार का गांव से बहिष्कार कर दिया गया। पंचों ने पूरे परिवार को सजा सुनाई कि वह गंगा नहाने के बाद भोज कराएगा तभी उसे गांव में पांव रखने देंगे। घटना साल के पहले दिन मंगलवार की है। पंचायत का फरमान सुनते ही गोहत्या का कथित आरोपित बनाया गया परिवार गंगा नहाने के लिए रवाना भी हो गया है।

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बरगवां निवासी पप्पू पुत्र फोदलिया प्रजापति (36) मंगलवार सुबह आठ बजे कुम्हार मोहल्ले में अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली को बैक कर रहा था। इसी दौरान ट्रॉली के पहिये के नीचे सड़क किनारे बैठी गाय आ गई। इससे मौके पर ही गाय ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद पप्पू प्रजापति ने ही सबसे पहले अपने समाज के लोगों को बुलाया। समाज ने सलाह दी कि गोहत्या पर फैसले तो पंच ही करते हैं इसलिए तत्काल पंचायत बुलाई जाए। आनन-फानन में गांव के मंदिर पर पंच और ग्रामीण बुलाए गए। पंचम सिंह चौहान की अगुआई में जुटे पंच ओमप्रकाश गौतम, जयप्रकाश शर्मा, शंकर मेहते, मुरारी प्रजापति और रघुवीर प्रजापति ने इसे गौहत्या करार दिया।

उन्होंने कहा कि यह पाप है और इसका प्रायश्चित करना होगा। पंचों ने पप्पू और उसके परिवार को गांव से बहिष्कृत करने का फैसला सुनाया। पंचों के सामने हाथ जोड़कर खड़े पप्पू ने कहा कि यह गलती से हुआ है, जानबूझकर नहीं किया। इस पर पंचों का रख नरम हुआ और कहा कि पप्पू और उसके परिवार ने गलती मानी है। पंचायत भी उसने खुद बुलाई है, इसलिए पप्पू का पूरा परिवार जब तक गंगा नहाकर नहीं आता और गोदान नहीं करता तब तक उसे गांव में पांव नहीं रखने दिया जाएगा।

परिवार गंगा स्नान के लिए रवाना

पंचों का फैसला सुनते ही पप्पू प्रजापति और उसका परिवार मंगलवार की दोपहर ही गंगाजी नहाने रवाना हो गया। रवाना होने से पहले पंचों ने कहा कि गंगाजी स्नान करने के बाद वहां से गंगाजल लेकर आएं और पप्पू व उसका परिवार गांव के बाहर खड़ा हो जाएं। ग्रामीण व पंच उन्हें गांव के अंदर लाएंगे। इसके बाद गोदान करना होगा फिर कन्या और ब्राह्मण भोज कराना होगा। पंचों ने यह भी कहा कि कन्या और ब्राह्मण भोज के बाद पप्पू को अपने पूरे समाज को भोज कराना होगा। अगर प्रजापति समाज के एक भी व्यक्ति ने पप्पू का भोज खाने से इन्कार किया तो उसकी सजा खत्म नहीं होगी।


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