दवा और चिकित्सकीय उपकरण की कीमत पर भी अंकुश लगे
डॉक्टरों के राष्ट्रीय संगठन ने सरकार से मांग की है कि दवाओं और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की कीमतें भी सुव्यवस्थित कर दी जाए।
नई दिल्ली (पीटीआई)। घुटना प्रत्यारोपण के लिए कीमतें निर्धारित किए जाने के बाद डॉक्टरों के राष्ट्रीय संगठन ने सरकार से दवाएं एवं अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की कीमतों पर भी अंकुश लगाने की मांग की है। डॉक्टरों का यह संगठन स्वास्थ्य की नैतिक देखभाल को प्रोत्साहन देने के लिए काम करता है।
स्वास्थ्य की नैतिक देखभाल के लिए डॉक्टरों के गठबंधन (एडीईएच) ने राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकार (एनपीपीए) को एक दस्तावेज सौंपा है। इस दस्तावेज में विभिन्न प्रकार के प्रत्यारोपण और दवाओं के मूल्य का विस्तृत ब्योरा दिया गया है। कार्डिक स्टेंट के बाद सरकार ने बुधवार को घुटना प्रत्यारोपण के लिए 54000 रुपये से 1.14 लाख रुपये तक की मूल्य श्रृंखला तय कर दी। यह वर्तमान सर्जरी खर्च से करीब 70 फीसदी कम है।
गुरुवार को एक बयान में एडीईएच ने कहा है कि समय आ गया है जब स्टेंट एवं अन्य हड्डी प्रत्यारोपण की तरह दवाओं और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों की कीमतें भी सुव्यवस्थित कर दी जाए। सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी सिफारिश सौंप दी है, लेकिन सरकार उसे सार्वजनिक नहीं कर रही है। हम इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग करते हैं। औषधीय उत्पादों के लिए सरकार एक व्यापार नीति तैयार करे।
घुटना प्रत्यारोपण की गुणवत्ता पर नहीं पड़े असर
आर्थोपेडिक डॉक्टरों ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि घुटना प्रत्यारोपण पर कीमतें कम किए जाने का असर नहीं पड़े। डॉक्टरों ने घुटना प्रत्यारोपण की कीमत निर्धारित करने के सरकार के कदम को लोगों के हित में बताया है।
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