आरोग्य सेतु के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए अब देसी जूम वर्जन तैयार, घरेलू सर्वर पर चलेगा
आरोग्य सेतु एप के बाद अब वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा के लिए देसी एप विकसित कर लिया गया है जिसका सर्वर भारत में होगा जिससे डाटा चोरी होने का कोई खतरा नहीं रहेगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। आरोग्य सेतु एप के बाद अब वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा के लिए देसी एप विकसित कर लिया गया है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका सर्वर भारत में होगा जिससे वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान किसी प्रकार की डाटा चोरी या निजी जानकारी शेयर होने का कोई खतरा नहीं रहेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सेंटर फॉर डेवलेपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) ने इस वीडियो कांफ्रेंसिंग एप को विकसित किया है।
इस एप के विकास कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि एप बिल्कुल तैयार है और जल्द ही इसे मंत्रालय की तरफ से लांच किया जा सकता है। इस एप को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है और इसके नाम की तलाश भी की जा रही है। हाल ही में आइटी मंत्रालय की तरफ से इस एप का ट्रायल भी किया गया था जो पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु की तरह इस एप को भी पूरी तरह से घरेलू स्तर पर विकसित किया गया है।
एक बार में लगभग 50 लोग इस एप से जुड़कर वर्चुअल मीटिंग कर सकते हैं। इसकी क्षमता में विस्तार की पूरी गुंजाइश है। जूम एप की तरह ही वर्चुअल मीटिंग से जुड़ने के लिए पासवर्ड और लिंक का इस्तेमाल किया जाएगा। सी-डॉट की तरफ से विकसित देसी एप में वेटिंग रूम की भी सुविधा होगी। मतलब अगर कोई व्यक्ति वर्चुअल मीटिंग को ज्वाइन करना चाहता है तो वह वेटिंग रूम में जाकर अपनी मौजूदगी मॉडरेटर को बता सकता है। वर्चुअल मीटिंग के दौरान स्क्रीन पर ही प्रेजेंटेशन देने की सुविधा भी इस एप में होगी।
सूत्रों के मुताबिक, इस एप के कॉमर्शियल इस्तेमाल को लेकर भी विचार किया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान वर्चुअल मीटिंग कारोबार एवं विभिन्न प्रकार की सेवाओं का अहम हिस्सा बन गई हैं और अधिकतर मीटिंग चीनी कंपनियों या माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित विदेशी एप पर हो रही हैं। इससे डाटा चोरी होने के साथ ही देश की महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर होने का खतरा बना रहता है। इस बारे में सरकार की तरफ से चेतावनी भी जारी की जा चुकी है। आइटी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, कोरोना काल में वर्चुअल मीटिंग में बढ़ोतरी को देखते हुए देसी वीडियो कांफ्रेंसिंग एप विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही थी जिसे पूरा कर लिया गया है।