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साक्ष्य नहीं मिलने पर बर्खास्त कैप्टन के खिलाफ CBI ने चुपचाप बंद किया केस

बारह वर्ष की पुरजोर कोशिश के बाद भी जांच एजेंसी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 04 Feb 2018 08:03 PM (IST)Updated: Sun, 04 Feb 2018 08:03 PM (IST)
साक्ष्य नहीं मिलने पर बर्खास्त कैप्टन के खिलाफ CBI ने चुपचाप बंद किया केस
साक्ष्य नहीं मिलने पर बर्खास्त कैप्टन के खिलाफ CBI ने चुपचाप बंद किया केस

नई दिल्ली (पीटीआई)। चर्चित नेवी वार रूम लीक कांड में फंसे नौसेना के बर्खास्त कैप्टन कश्यप कुमार के खिलाफ केस सीबीआइ ने चुपचाप बंद कर दिया है। 12 वर्षो की पुरजोर कोशिश के बाद भी जांच एजेंसी नौसेना के पूर्व अधिकारी की संलिप्तता को लेकर कोई भी पुख्ता साक्ष्य नहीं जुटा पाई। वार रूम लीक कांड में शामिल होने के सीबीआइ के आरोपों के चलते सरकार ने अक्टूबर 2005 में कश्यप कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इस दौरान जांच एजेंसी ने भी उन्हें खूब परेशान व प्रताडि़त किया।

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सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष के आखिरी दिनों में सीबीआइ ने विशेष अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट में केस बंद करने को लेकर अपनी रिपोर्ट गुपचुप दाखिल कर दी। इसमें शीर्ष एजेंसी ने कहा, 'याचिकाकर्ता कश्यप कुमार को लेकर जांच पूरी हो गई है। सीबीआइ ने उनके खिलाफ केस बंद करने का फैसला किया है।' 58 वर्षीय बर्खास्त कैप्टन कश्यप कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज सीबीआइ की एफआइआर को खारिज करने की मांग की थी। जांच एजेंसी ने हाई कोर्ट के निर्देश पर यह स्टेटस रिपोर्ट अदालत में दाखिल किया।

2005 में कर दिया गया था बर्खास्त

कश्यप कुमार की याचिका का निस्तारण करते हुए हाई कोर्ट के जज आशुतोष कुमार ने आदेश दिया, 'दस्तावेज दाखिल कर सीबीआइ ने सूचित किया है कि याचिकाकर्ता (कश्यप कुमार) के खिलाफ केस बंद कर दिया गया है।' ध्यान रहे कि वार रूम लीक कांड में नाम सामने आने के बाद कश्यप कुमार को अक्टूबर 2005 में नेवी एक्ट की धारा 15 के तहत बर्खास्त कर दिया गया। संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति के आदेश पर उनकी बर्खास्तगी हुई। कश्यप को कोर्ट मार्शल का सामना नहीं करना पड़ा था। उन्होंने नवंबर 2005 में बर्खास्तगी के इस आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।

वार रूम लीक कांड की जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआइ ने कश्यप के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज कर लिया, लेकिन सुबूतों के अभाव में चार्जशीट नहीं दाखिल कर पाई। लीक कांड में जांच एजेंसी ने पूर्व नेवी प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के रिश्तेदार रवि शंकरन और व्यापारी अभिषेक वर्मा सहित छह लोगों के खिलाफ 2006 में चार्जशीट दाखिल किया।

कश्यप को अभी लड़नी है एक और लड़ाई

सीबीआइ ने तो कश्यप के खिलाफ केस बंद कर दिया, लेकिन पूर्व कैप्टन को अभी एक और लड़ाई लड़नी है। वह अब आ‌र्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखेंगे। कश्यप कुमार की नेवी से बर्खास्तगी का मसला ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 वर्ष की सुनवाई के बाद कश्यप की बर्खास्तगी से संबंधित याचिका पिछले वर्ष ट्रिब्यूनल का ट्रांसफर कर दी।

दूसरों के यहां काम कर परिवार चलाया

नेवी की नौकरी से बर्खास्त होने के बाद कश्यप कुमार को परिवार पालने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने बीस हजार रुपये महीने तक की नौकरी की। दूसरे के खेतों में काम कर अपने परिवार का गुजारा किया। इस दौरान वार रूम लीक कांड में फंसे होने की जानकारी होते ही उन्हें कई नौकरियों से हाथ भी धोना पड़ा।


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