36 साल बाद इस बार लंबी अवधि का रोजा
18 जून को आसमान पर रमजान का चांद नजर आते ही तराबियों का दौर शुरू हो गया और रात्रि में सेहरई करके मुस्लिम धर्मावलम्बी रोजे की नीयत करके रोजा रखा।
नवोदित सक्तावत। 18 जून को आसमान पर रमजान का चांद नजर आते ही तराबियों का दौर शुरू हो गया और रात्रि में सेहरई करके मुस्लिम धर्मावलम्बी रोजे की नीयत करके रोजा रखा।
खास बात यह है कि इस बार का रोजा सबसे लंबे समय यानी 15 घंटे 30 मिनट का रहेगा। पिछली बार सन् 1979 के जून माह के बाद यह पहली बार है जब लोगों को इतने लंबे समय तक रोजा रखना होगा।
इस्लाहे मिल्लत कमेटी के अध्यक्ष शब्बीर अहमद बताते हैं, हर 36 साल के बाद ऐसी स्थिति बनती है। 1979 के बाद अब यह स्थिति 2015 में बनी है।
रहमतों और बरकतों का महीना रमजान है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। बुराइयों से तौबा कर अल्लाह की इबादत करने और गरीबों की गरीबी का एहसास पैदा करने वाले माह रमजान का मुस्लिमों में खास महत्व है।
(साभार : नई दुनिया)