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32 वर्षों के बाद भी नीरजा के कातिलों तक नहीं पहुंच सकी है FBI, आज भी इंसाफ का इंतजार

पैन एएम फ्लाइट 73 के यात्रियों को बचाने में जिस नीरजा भनोट ने अपनी जान गंवा दी थी उसके कातिलों की जानकारी को लेकर आज भी एफबीआई के हाथ खाली हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 04:19 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 04:19 PM (IST)
32 वर्षों के बाद भी नीरजा के कातिलों तक नहीं पहुंच सकी है FBI, आज भी इंसाफ का इंतजार
32 वर्षों के बाद भी नीरजा के कातिलों तक नहीं पहुंच सकी है FBI, आज भी इंसाफ का इंतजार

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। नीरजा भनोट का नाम हम सभी ने सुना होगा। यदि नहीं तो हम आपको बता दें कि 1986 में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से पैन एएम फ्लाइट 73 के यात्रियों को बचाने में नीरजा ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। उनपर बॉलीवुड में एक फिल्‍म भी रिलीज हो चुकी है, जिसमें सोनम कपूर ने नीरजा की भूमिका निभाई थी। लेकिन साल दर साल गुजरने के बाद भी नीरजा को इंसाफ मिलना अभी बाकी है। आज तक भी नीरजा के असली कातिलों तक दुनिया की कोई पुलिस नहीं पहुंच सकी है। 32 वर्षों के बाद भी एफबीआई को उसके कातिलों की तलाश है। 

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पिछले वर्ष जनवरी में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने पैन एएम की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले चार अहरणकर्ताओं मुहम्मद हाफिज अल-तुर्की, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मुहम्मद अब्दुल्ला खलील हुसैन और मुहम्मद अहमद अल-मुनवर की ताजा तस्वीर जारी की थी। ये चारो आतंकी अबु निदल संगठन(एएनओ) के सदस्य हैं। ये चारों एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादी की सूची में शामिल हैं। इन तस्‍वीरों को एफबीआई की लैब में साल 2000 में एजेंसी के हाथ लगी तस्वीरों के आधार पर बनाया गया था। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है। 

महज 22 साल की थी नीरजा
आपको बता दें कि 5 सितंबर 1986 को अपहरणकर्ताओं ने पैन एएम फ्लाइट 73 को कराची से हाईजैक कर लिया था। इस दौरान नीरजा भनोट सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस फ्लाइट में कुल 379 यात्री सवार थे। इस हादसे के समय नीरजा की उम्र महज 22 साल थी। भारत की नीरजा भनोट इस फ्लाइट की मुख्य पर्सर के रुप में तैनात थी। नीरजा ने इस विमान के यात्रियों को सकुशल बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी थी। इसके लिए भारत सरकार ने नीरजा को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा था।

पाक ने दिया तमगा-ए-इंसानियत
इस बहादुरी के लिए उन्हें पाकिस्तान ने भी उन्हें 'तमगा-ए-इंसानियत' के सममान से नवाजा था। नीरजा एयर होस्टेस के अलावा मॉडल भी थी। उन्होंने कुछ ब्रॉन्ड्स के लिए मॉडलिंग भी की थी। वह अपने पति से अलग अपनी मां-पिता के साथ रहती थी। वर्ष 2016 में नीरजा के ऊपर एक हिन्दी फिल्म भी बनाई गई थी जिसमें नीरजा का किरदार सोनम कपूर ने निभाया था।

5 सितंबर 1986 का वो दिन 
5 सितंबर 1986 को निरजा मुंबई से अमेरिका जाने वाली पैन एम 73 फ्लाइट में सवार थीं। फलाइट के कराची पहुंचने के कुछ समय बाद ही इसको हाईजैक कर लिया गया था। यह सभी लिबिया की अबू निदल ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हुए थे। इनका मकसद विमान में मौजूद अमेरिकियों को जान से मारना था। इसके अलावा वह अपने फिलिस्‍तीनी साथियों की जेल से रिहाई चाहते थे। आतंकी 369 यात्रियों से भरी फ्लाइट को क्रैश करना चाहते थे।

विमान में दहशत का था माहौल 
आतंकियों ने एयरक्राफ्ट के अंदर घुसते ही फायरिंग शुरू कर दी और एयरक्राफ्ट को अपने कब्‍जे में ले लिया था। इससे वहां चारों तरफ अफरातफरी फैल गई थी। विमान के अंदर से लेकर एयर ट्रेफिक कंट्रोल और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों में इसकी दहशत साफतौर पर देखी जा सकती थी। भनोट के साहस का इस बात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब विमान के पायलट, सहायक पायलट और फ्लाइट इंजीनियर विमान छोड़कर भाग निकले थे उस वक्‍त नीरजा ने ही आतंकियों को समझाने की कोशिश की थी।

निशाने पर थे अमेरिकी
आतंकी अमेरिकियों को तलाशकर उन्‍हें मार डालना चाहते थे। एक अमेरिकी को उन्‍होंने विमान के गेट पर ले जाकर गोली भी मार दी थी। इससे बचने के लिए नीरजा ने सभी अमेरिकियों के पासपोर्ट अपने पास रख लिए थे। इस विमान में करीब 44 अमेरिकी सवार थे जिनमें से दो को आतंकियों ने मार दिया था। लेकिन नीरजा आतंकियों का समय बीताकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और सरकार को मौका देने की कोशिश कर रही थी। नीरजा ने इस दौरान वह सब किया जो उनके बस में था। मौका मिलते ही नीरजा ने विमान द्वार खोलकर यात्रियों को बाहर निकाल दिया। लेकिन इसी दौरान हुई गोलीबारी में उनकी मौत हो गई थी।

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